Amravati: प्रदेश में दो लाख हेक्टेयर में लगे संतरे, बाजार में नहीं मिल रहा भाव, कीमतें गिरीं

अमरावती: अपने अनोखे खट्टे-मीठे स्वाद से सबको आकर्षित करने वाला नागपुरी संतरा इस समय काफी डिमांड में है। गिरती कीमतों के कारण व्यापारी आगे नहीं बढ़ रहे हैं, क्योंकि स्थानीय बाजार में कोई उठाव नहीं है। अंबिया बहार के कम से कम 30 प्रतिशत फल अभी भी पेड़ पर हैं और ये फल समाप्त हो चुके हैं। सब्सिडी, प्रोत्साहन और निर्यात नीति की कमी के कारण उत्पादक संतरे नहीं खरीद पाते हैं।
राज्य में कम से कम 2 लाख हेक्टेयर में संतरे की खेती होती है. इस उत्पादन का 90 प्रतिशत भाग मुख्यतः अमरावती एवं नागपुर जिलों में होता है। पश्चिम विदर्भ में 80 हजार हेक्टेयर का संतरा क्षेत्र है। इनमें 60 से 70 फीसदी बागवान अंबिया फूल लेते हैं।
अम्बिया की फलन अवधि जनवरी से फरवरी तक नौ महीने मानी जाती है। अब जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आ रही है. संभावना है कि फल छिल जाएगा और उसके स्वाद में थोड़ा अंतर आएगा और ऐसे में कीमत 12,000 से 15,000 रुपये प्रति टन पर आ गई है.
कम से कम 30 प्रतिशत फल अभी भी पेड़ पर हैं क्योंकि कीमतें गिर गई हैं और स्थानीय बाजार में कोई भाव नहीं है। इससे संतरा उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

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