Amravati: जिले में अब तक 5400 बोरी मिट्टी युक्त फर्जी खाद की बिक्री

अमरावती: इस वर्ष जिले में संतोषजनक वर्षा होने से बुआई के बाद खेतों में फसल लहलहा उठी है। जिसके चलते किसानों ने खाद खरीदना शुरू कर दिया है। लेकिन पुणे की एक कंपनी द्वारा जिले के कृषि सेवा केंद्रों को सप्लाई की गई डीएपी खाद की बोरियों में मिट्टी पाए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कृषि विभाग द्वारा मंगरूल चव्हाला के एक कृषि केंद्र से 455 बोरियां जब्त करने के बाद यह बात सामने आई।
जिले में 5 हजार 400 किसानों ने इस मिट्टी मिश्रित डीएपी खाद का उपयोग किया है। कृषि विभाग ने शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 13 कृषि केंद्रों को नोटिस जारी किया है और पुणे की कंपनी के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है।
जिला कृषि अधीक्षक को सूचना मिली कि मंगरूल चव्हाला के एक कृषि केंद्र पर फर्जी खाद बेची जा रही है। कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षकों की एक टीम ने मंगरूल चव्हाला में 3 कृषि सेवा केंद्रों पर छापा मारा और 453 बैग डीएपी उर्वरक जब्त किए।
इस उर्वरक का निर्माण पुणे में मेसर्स रामा फूड्स नामक कंपनी द्वारा किया जाता है। उर्वरक के बैग पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक-प्रोजेक्ट, भारत एनपीके लिखा हुआ है। डीएपी खाद में भारी मात्रा में मिट्टी पाई गई। इसके बाद कृषि विभाग ने मंगरूल चव्हाला स्थित कृषि केंद्र में पाई गई सभी 453 बोरियां जब्त कर लीं।
इस मामले में अधिक पूछताछ करने पर कृषि विभाग को पता चला कि पुणे की रामा फट्रीकल्स कंपनी ने अब तक जिले के 13 कृषि सेवा केंद्रों को 3 हजार 500 बैग डीएपी खाद एवं 10-26-26 उर्वरक के 2100 बैग यानि कुल 5 हजार 400 बैग की आपूर्ति की है।

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