आईटी कंपनी खोलने के लिए दामाद ने ससुर से लिए डेढ़ करोड़, फिर हुआ फरार
अमरावती: कंपनी खोलने के नाम पर दामाद ने ससुर से डेढ़ करोड़ रूपये लिए। लेकिन वह उसने कंपनी शुरू करने के बजाय पैसो को लेकर फरार हो गया। पीड़ित ससुर की शिकायत पर गाडगेनगर पुलिस ने आरोपी दामाद विक्रम अनिल दुबे (बाकी महात्मा सोसायटी, कोथरूड, पुणे) के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
शिकायतकर्ता, हॉलीवुड कॉलोनी में रहने वाले एक सेवानिवृत्त व्यक्ति की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी की शादी विक्रम दुबे से हुई थी। विक्रम सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत थे। शुरुआत में सब कुछ सुचारू रूप से शुरू होता है। उसने अपने ससुर से कहा कि वह अपनी कंपनी स्थापित करना चाहता है। दामाद ने ससुर को आश्वासन दिया कि उनका नाम भी कंपनी के निदेशक मंडल में होगा। दामाद विक्रम ने ससुर से बड़ी पूंजी की मांग की। उसने बहाना किया कि निवेश पर प्रतिफल मिलने के बाद हम लाभ आपस में बांट लेंगे।
आरोपी विक्रम दुबे ने 1 जुलाई 2015 को कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया था। हालांकि, ससुर का नाम दस्तावेज़ में कहीं भी शामिल नहीं है। इस बीच, उन्होंने अपने ससुर से अनुरोध किया कि अमरावती एमआईडीसी क्षेत्र में आईटी क्षेत्र में इस कंपनी की स्थापना करें, एमआईडीसी में 130 एकड़ जमीन की तलाश करें। विक्रम ने ससुर को विश्वास में लिया। उसने लड़की के भविष्य के बारे में सोचते हुए दामाद को एक लाख रुपये की सावधि जमा राशि दी। उसके बाद वेतन से 14 हजार 500 रुपए भी दिए। रिटायर होने के बाद आरोपी ने भविष्य निधि से 11 लाख 85 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। उसके बाद दामाद ससुर के खाते से समय-समय पर अपने खाते में राशि ट्रांसफर करता रहा। यह कुल राशि 1 करोड़ 48 लाख 53 हजार रुपये है।
आरोपी दामाद ने यह रकम पुणे और अमरावती के कुल तीन बैंक खातों से डायवर्ट कर दी। हालांकि, उन्होंने कंपनी स्थापित करने में झिझक महसूस की। आरोपी विक्रम की पत्नी ने जब कंपनी के बारे में पूछना शुरू किया तो दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। नतीजा यह हुआ कि दोनों के बीच अनबन हो गई। इसी बीच आरोपी गायब हो गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही ससुर ने दामाद के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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