35 छोटी परियोजनाएं सूखने से कई गांवों में पानी की कमी, जिले में 43 फीसदी जल भंडारण

अमरावती: इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसके चलते सिंचाई परियोजनाओं में जल का स्तर अमूर्तन एवं वाष्पीकरण के कारण दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। अब जिले में मात्र 43.49 प्रतिशत जल भंडार ही बचा है।
सात मध्यम परियोजनाओं में 37.48 प्रतिशत और 45 छोटी परियोजनाओं में 36.32 प्रतिशत जल भंडारण है, लेकिन इनमें से लगभग 35 छोटी परियोजनाएं सूख चुकी हैं। जबकि अन्य छोटी परियोजनाओं में जल भंडारण काफी कम हो रहा है। अत: परियोजनाओं के आधार पर गांवों में पेयजल समस्या उत्पन्न होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस बीच जिले में बेमौसम मौसम होने के बावजूद इन परियोजनाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। अगले दो महीनों में हमें पानी की अधिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
जल संसाधन विभाग के सामने चुनौती
औसत के हिसाब से देखें तो जल संसाधन विभाग के सामने जल भंडार का उपयोग परियोजना में करने की चुनौती है। सात मध्यम और 45 छोटी परियोजनाएँ हैं जो पानी की आपूर्ति कर सकती हैं, जिसमें जिले की एक प्रमुख परियोजना अपर वर्धा भी शामिल है। इसमें से अपर वर्धा बांध अमरावती शहर और औद्योगिक एस्टेट की आपूर्ति के साथ-साथ अमरावती ग्रामीण और वर्धा जिले की जल आपूर्ति पर निर्भर है। सर्वाधिक जल आपूर्ति तनाव वाले इस बांध में फिलहाल 273.64 दलघमी यानी 48.51 प्रतिशत स्टॉक है। साथ ही सात मध्यम परियोजनाओं में 96.03 दलघमी (17.48) प्रतिशत जल भण्डारण है।
सूखे कई छोटे प्रोजेक्ट
मध्यम परियोजनाएँ तहसील और ग्रामीण जल आपूर्ति पर निर्भर हैं। हालांकि कुछ लघु परियोजनाओं में जल भंडारण की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन इसमें मात्र 76.03 डल्घमी यानी 36.32 फीसदी ही जल भंडारण है। जल संसाधन विभाग का कहना है कि भीषण गर्मी के दौरान मई के 15 दिनों और जून के पूरे महीने में जल आपूर्ति पर पड़ने वाले दबाव को देखते हुए उपलब्ध जल संसाधन पर्याप्त हैं। हालांकि, जिले के ग्रामीण इलाकों के अधिकांश गांवों में जलापूर्ति मध्यम व लघु परियोजनाओं पर है। इसके चलते कई छोटे प्रोजेक्ट सूख गए हैं। जिससे जल भंडारण अभी से अपर्याप्त होने लगा है।

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