Bhandara: जिले में नहीं रुक रही बाघों के मौत का सिलसिला, फिर मृत मिला बाघ

भंडारा: जिले में बाघों और बाघ शावकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार शाम को तुमसर तहसील के नाका डोंगरी वन क्षेत्र में एक और बाघ मृत पाया गया। इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर इसी क्षेत्र में चार बाघ शावक मिले हैं। इनमें से दो की मौत हो गई है और दो को इलाज के लिए नागपुर के गोरेवाड़ा में स्थानांतरित कर दिया गया है।
आज (सोमवार) शाम 5 बजे नाकाडोंगरी वनपरिक्षेत्र अधिकारी को गुरख्या के माध्यम से सूचना दी गई कि भंडारा वनमंडल अंतर्गत नाकाडोंगरी वनपरिक्षेत्र के कवलेवाड़ा निर्दिष्ट क्षेत्र में एक बाघ मृत अवस्था में है। वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की टीम ने घटनास्थल पर जाकर घटना का निरीक्षण किया। मृत बाघ नर है और माना जा रहा है कि उसकी उम्र लगभग 3 से 4 वर्ष होगी। वन विभाग ने बताया कि बाघ के चेहरे, गर्दन और पिछले पैरों पर चोटें थीं। ऐसा माना जाता है कि बाघ के सभी अंग स्थायी होते हैं।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार गठित समिति द्वारा घटनास्थल और मृत बाघ का निरीक्षण किया गया। पशु चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम ने बाघ का शव परीक्षण किया। वन विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बाघ की मौत का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है तथा पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि यह मौत दो बाघों के बीच लड़ाई में हुई। इस मामले में वन्य जीव अपराध का मामला दर्ज किया गया है और वन अधिकारी के मार्गदर्शन में उप वन संरक्षक राहुल गवई भंडारा, प्रकाश निष्कासन अधिकारी रितेश भोंगाडे और नाका डोंगरी वन परिक्षेत्र अधिकारी अपेक्षा शेंडे द्वारा आगे की जांच की जा रही है।

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