विधायक के अस्पताल में गोलमाल, भाड़े से लाए मरीज, रात भर में बदला नाम

भंडारा: संजय दत्त की मुन्ना भाई एमबीबीएस को सभी को याद होगी। उसमें यह सीन भी याद होगा जिसमें मुरली के माता-पिता गांव से आते हैं, उसके पहले ही एक नकली अस्पताल खड़ा आकर दिया जाता है। इसी के साथ किराए के मरीज में भर्ती कर दिए जाते हैं। ऐसा ही एक मामला भंडार जिले में सामने आया है। जहां रातों रात हॉस्पिटलों का नाम बदल दिया गया यही नहीं किराए पर मरीजों को भी भर्ती कर दिया गया। सबसे महत्वपूर्ण यह की यह सब हुआ है भंडारा के निर्दलीय विधायक नरेंद्र भोंडेकर की पत्नी के अस्पताल में।
मिली जानकारी के अनुसार, विधायक भोंडेकर की पत्नी का मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है। टीआरसी कमेटी को अस्पताल का निरीक्षण करने आना था। पहले इस अस्पताल का नाम 'PEC मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल' था लेकिन कमेटी के आने से एक रात पहले ही अस्पताल का नाम बदलकर 'PEC आयुर्वेदिक हॉस्पिटल' कर दिया गया। अब मरीजों की जरूरत थी। कहां से लाएं? फिर विधायकों की 'सेना' काम करने लगी। कामकाजी महिलाओं को 200 रुपए देकर मरीज बनाया गया। दो दिन के लिए 400 रुपए लेने के लिए महिलाएं एकत्रित हुईं। उम्मीद से ज्यादा भीड़ थी। कई महिलाओं को वापस भेज दिया गया। चार दिन बाद किराए पर लाए मरीजों के घर-घर जाकर मात्र 100 रुपए दिए गए। तय कीमत से कम पैसे मिलने के बाद महिलाओं ने विधायक के खिलाफ नारे लगाए।
मुझे नहीं पता - विधायक भोंडेकर
वहीं अब इस मामले पर विधायक ने खुद जो अलग कर लिया है। उन्होंने कहा, "कमेटी नियमित निरीक्षण के लिए आई थी। पैसे देकर महिलाओं को मरीज बनाकर कैसे लाया गया इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं है। महिलाओं के नाम बताएं और मैं जानकारी निकालूंगा।

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