Bhandara: जिले में बढ़ती जा रही जंगली जानवरों की दहशत, खेतों में जाने से डर रहे किसान

भंडारा. जिले के अधिकांश हिस्से जंगल से घिरे हैं और जंगली जानवरों के साथ-साथ हिंसक जानवरों को भी जंगल के निकट के खेतों में देखा जा सकता है. जंगली जानवर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.घरेलू पशुओं को मार रहे हैं.किसान और पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है.वन्य जीवों की देखभाल में वन विभाग की नाकामी पर किसान अपनी नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं. हाल ही में, जंगली जानवरों के हमले बढ़े हैं. किसान स्वयं को असुरक्षित मान रहे हैं.ऐसे में खरीफ का मौसम खतरे में पड़ने की संभावना किसानों ने व्यक्त की है. इस साल कुदरत का कहर कम बरपेगा. धान की फसल अच्छी होगी.
इसी उम्मीद के साथ कई किसानों ने धान के साथ-साथ सोयाबीन, कपास, मिर्च जैसी अन्य फसलें लगाईं.लेकिन यह फसल में भी जानवर घूसने लगे हैं.किसानों को जंगली जानवरों ने चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि फसल का विनाश बढ़ रहा है. किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले फसल बारिश की चपेट में आ गई थी.फसलों का भारी नुकसान हुआ था और अब यह समस्या निर्माण गई है. इसलिए उत्पादन में गिरावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. किसानों को फसल उत्पादन के लिए लिया गया कर्ज कैसे चुकाएं? इस सवाल का सामना किसान कर रहे हैं.
पहले बारिश से नुकसान
पहले तेज बारिश और फिर लगातार बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. जिसके बाद बीमारियों ने खरीफ की फसल को तबाह कर दिया. महंगी दवा का दो बार फसल पर छिड़काव किया गया. इससे फसल बच गई.अब जंगली जानवर खेत में घुसने लगे हैं.यही कारण है कि बीमारी के साथ-साथ जंगली जानवर किसानों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. जंगली जानवर फसलों को नष्ट करने के साथ-साथ किसानों पर हमला भी कर रहे हैं. इसलिए अब किसान खेतों में जाने से कतरा रहे हैं.
सर्पदंश की घटनाएं बढी
जिले में सर्पदंश की घटनाएं पहले ही बढ़ गई हैं. इसलिए किसान हल्की किस्म के धान की कटाई सावधानी पूर्वक कर रहे हैं. खेतों में फसल काटते समय सर्पदंश की आशंका से खेत मजदूरों के साथ किसान धान की झुंड के साथ मिलकर कटाई कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
कीट प्रकोप का डर
इसके अलावा फसल के दौरान किसानों को कीड़ों की परेशानी भी झेलनी पड़ती है. अब हर तरफ हल्की धान कटाई का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में रात्रि के समय हो या दिन में किसान अधिकांश समय खेतों में ही दिखाई देता है.किसानों को अब कीट प्रकोप का भी डर सता रहा है.
वन विभाग के उपाय कारागर नहीं
वन विभाग की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय किए जा रहे हैं. जंगल के चारों ओर स्टार फेंस और सोलर लाइट लगाने जैसे कई उपाय किए जा रहे हैं. अधिकांश क्षेत्रों में वन विभाग की ओर से किए गए उपाय अधूरे हैं, इसलिए जंगली जानवरों ने अपना मार्च को खेतों के साथ-साथ गांवों के बाहरी इलाके में स्थानांतरित कर दिया है.जंगली जानवरों से हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में मामूली मदद देकर किसानों और पशुपालकों के मुंह पर तमाचा जड़ा जा रहा है. एक तरह से हजारों का नुकसान होने के बाद भी वन विभाग छोटी सी राशि सहायता के नाम पर देकर किसानों का मजाक उड़ा रहा है. लेकिन चूंकि सैकड़ों की संख्या में किसानों को मदद दी जा रही है, इसलिए राशि का आंकड़ा बढ़ा दिख रहा है.दूसरी ओर मामूली मदद के लिए वन विभाग के कार्यालय को परेशान करना पड़ रहा है. कई किसान शिकायत करने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि शिकायत से समाधान नहीं होगा.वन विभाग की ओर से जंगली जानवरों के प्रबंधन के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है.

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