देश के 199 और प्रदेश के 11 मौसम केंद्र होंगे बंद रहेंगे, 398 कृषि मौसम विज्ञानी और पर्यवेक्षकों के लिए कठिन समय
बुलढाणा: पिछले कुछ वर्षों में बेमौसम बारिश की मात्रा बढ़ी है और इसके कारण किसानों को लगातार बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है। ऐसे में किसानों को बेमौसम मौसम की स्थिति और जलवायु परिवर्तन से उनकी फसलों के नुकसान को कम करने में मदद करने के लिए जिला स्तरीय कृषि-मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई। इससे किसानों को मौसम की भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी।
हालाँकि, अब इन सभी कृषि मौसम केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए किसानों पर बड़ी मार पड़ने वाली है। 2018 में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से देश भर में 199 जिला-स्तरीय कृषि मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए। इसमें महाराष्ट्र के 11 कृषि मौसम विज्ञान केंद्र शामिल हैं। भारत सरकार ने देश के इन सभी 199 सेंटरों को बंद करने का फैसला लिया है।
इसमें बुलढाणा जिले का मौसम केंद्र भी शामिल है। इससे देश के 30 करोड़ किसानों को नुकसान होने की आशंका है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि अभी काम कर रहे 398 कर्मचारी-अधिकारी कोर्ट जाएंगे।
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