Buldhana: 65 वर्षीय किसान पाँच साल से जल संरक्षण विभाग के काट रहे चक्कर, तालाब में डूबी 22 गुंठा ज़मीन, फिर भी नहीं कोई सुनवाई
                            बुलढाणा: बुलढाणा जिले के किन्ही सवडत के 65 वर्षीय किसान प्रकाश धुरंदर पिछले पाँच सालों से तालाब में डूबी अपनी कृषि भूमि का मुआवज़ा पाने के लिए जल संरक्षण विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें अभी तक अपनी कृषि भूमि का मुआवज़ा नहीं मिला है। आवेदन करने और कार्यालय के चक्कर लगाने में उनके 50,000 रुपये से ज़्यादा खर्च हो चुके हैं।
किसान प्रकाश धुरंदर का वैरागढ़ में एक खेत है और वहाँ एक तालाब का निर्माण कार्य चल रहा है। इस तालाब के प्रभावित क्षेत्र में उनकी 22 गुंठा यानी लगभग 23,958 वर्ग फुट कृषि भूमि नष्ट हो गई है। कुआँ नष्ट हो गया है, सीताफल के पेड़ नष्ट हो गए हैं।
जल संरक्षण अधिकारी कभी उनसे 8 गुंठा खेती का पैसा लेने को कहते हैं तो कभी 12 गुंठा खेती का पैसा लेने को कहते हैं। किसान धुरंदर समय-समय पर अपनी पूरी कृषि भूमि का भुगतान करने की माँग करते रहे हैं और उन्हें अधिकारियों से गोलमोल जवाब मिल रहे हैं। इसके अलावा, किसान धुरंदर का कहना है कि जल संरक्षण अधिकारी कभी भी कार्यालय में नहीं रहते। उन्होंने यह सवाल किया अब न्याय किस्से मांगें और मांग की कि कृषि का मुआवजा दिया जाए।
                
        
    
            
                                
                                
                                
                                
                                
                                
                                
                                
                                
                                
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