पानी नहीं, फंगल इंफेक्शन की वजह से नहीं, तो गंजापन कैसे? अब आईसीएमआर की टीम आएगी बुलढाणा
बुलढाणा: शेगांव में बाल झड़ने की समस्या से ग्रामीण परेशान और हैरान हैं। अब तक इस गांव के पानी के कई नमूनों की जांच की जा चुकी है. चाहे जवान हो या बूढ़ा, हर किसी के बाल झड़ रहे हैं। अब तक इस गंजेपन की घटना के पीड़ितों की संख्या 139 तक पहुंच गई है. इस गांव में पानी की जांच के बाद रिपोर्ट आ गई है. कहा जा रहा है कि इस पानी में कोई विशेष दोष नहीं पाया गया है. साथ ही फंगल इंफेक्शन भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं होने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. इसलिए अब ग्रामीणों की जांच के लिए विशेष टीम बुलाई गई है.
शेगांव के बोंडगांव, कलावड, हिंगना जैसे 11 गांवों के निवासियों में गंजेपन का वायरस फैल गया है. एकसाथ कई लोगों के बाल झड़ रहे हैं. कुछ लोगों के लिए यह एक तरह का वायरस है. कुछ लोगों ने कहा है कि इसके लिए पानी जिम्मेदार है. सबसे पहले लोगों को सिर में खुजली होने लगती है. बाद में केवल सीधे बाल आते हैं और उसके बाद पता सीधे बाल ही हाथ में आ जा रहे हैं. नागरिकों में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है.
इस मामले की जांच के लिए पानी के सैंपल प्रयोग शाला में भेज दिए गए हैं. प्रभावित गांवों में पानी दूषित नहीं पाया गया और यह भी पता चला कि यह फंगल संक्रमण नहीं है. इसलिए यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि नागरिकों के बाल क्यों झड़ रहे हैं. इस पानी में आर्सेनिक, सीसा, पारा और कैडमियम जैसी भारी धातुएँ नहीं पाई गई हैं.
हालाँकि, कुछ गाँवों में पानी में नाइट्रेट का स्तर पाया गया है. इसके अलावा, त्वचा की बायोप्सी से पता चला कि चेहरे पर कोई सक्रिय फंगल संक्रमण नहीं है, तो वास्तव में बालों का क्यों झड़ रहे हैं?
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक टीम कल सोमवार को दिल्ली से बुलढाणा जिले में पहुंच रही है. परिणामस्वरूप, बालों के झड़ने का कारण एक रहस्य बना हुआ है. इससे प्रभावित ग्रामीणों के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है.
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