Chandrapur: बाघों की धरती पर हाथियों का कब्ज़ा, प्रसिद्ध बाघ परियोजना के सामने खड़ी हुई नई चुनौती

- पवन झबाडे
चंद्रपुर: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना न केवल बाघों के लिए बल्कि यहाँ की समृद्ध जैव विविधता के लिए भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। हर साल लाखों पर्यटक यहाँ बाघों का दीदार करने के लिए आते हैं। ताडोबा में बाघों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण यहाँ बाघ देखने की लगभग गारंटी मानी जाती है। लेकिन अब इस प्रसिद्ध बाघ परियोजना के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है
जंगली हाथियों का आतंक
गढ़चिरोली जिले से कुछ जंगली हाथियों ने चंद्रपुर जिले में प्रवेश किया है। ये हाथी फिलहाल सावली और शिंदेवाही वन क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं वन विभाग का मानना है कि ये हाथी ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना के बफर (आसपास का क्षेत्र) और यहां तक कि कोर (मुख्य बाघ क्षेत्र) में भी प्रवेश कर सकते हैं। इसे देखते हुए वन विभाग ने 25 लोगों की एक विशेष टीम गठित की है जो इन हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है।
वन अधिकारियों के अनुसार, यदि हाथियों की गतिविधियाँ अनियंत्रित होती हैं या किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो परियोजना क्षेत्र में चल रही पर्यटन सफारी को अस्थायी रूप से रद्द करना पड़ सकता है। इस स्थिति से पर्यटकों में चिंता का माहौल बन गया है जो लोग खासतौर से बाघों के दर्शन के लिए ताडोबा आए हैं, उन्हें अब हाथियों के डर से लौटने की नौबत आ सकती है। स्थानीय लोगों और अधिकारियों के बीच चर्चा है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो इससे पर्यटन पर बड़ा असर पड़ सकता है। वन विभाग लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और पर्यटकों से भी अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और वन विभाग के निर्देशों का पालन करें।

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