Chandrapur: लकड़ी बीनने जंगल में गई महिला पर बाघ का हमला, मौके पर मौत

चंद्रपुर: बांस की लकड़ियां, जलाऊ लकड़ी और कुड्या फूल इकट्ठा करने जंगल गई एक महिला पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना मंगलवार सुबह करीब 10 बजे भगवानपुर स्थित वन विकास निगम के कंपार्टमेंट नंबर 524 में घटी।
मृतक महिला चिरौली की रहने वाली है और उसका नाम संजीवनी संजय माकलवार (45) है। महिला के साथ चार लोग थे, उनके पति संजय और तोलवाही से रिश्तेदार, कवाडू बोमनवार और शांताबाई कवाडू बोमनवार। वे चारों सुबह भगवानपुर के जंगल में गए थे। भगवानपुर वन विकास निगम का जंगल चिरौली और टोलेवाही से तीन से चार किमी दूर स्थित है।
वहां झाड़ियों में छिपे एक बाघ ने संजीवनी पर हमला कर दिया और उसे मौके पर ही मार डाला। जब संजीवनी को ले जाया जा रहा था, तो उसके साथ मौजूद उसके रिश्तेदार और पति ने चिल्लाकर बाघ को भगाया। तब तक संजीवनी की बाघ के हमले में मौत हो चुकी थी।
गांव में घटना की जानकारी मिलते ही वन विकास निगम के वन परिक्षेत्र अधिकारी एस.बी. बोथे, वनपाल शिंदे, कर्मचारी गव्हारे, अशोक सिंघन, तोलेवाही यथिल पुलिस पाटिल संगीता चल्लावर, चिरोली पुलिस पाटिल गोकुल मोहुरले, चिरोली वन रक्षक सविता गेडाम, पशु मित्र उमेश जिरे और मूल पुलिस निरीक्षक प्रभारी सुबोध वंजारी मौके पर पहुंचे। घटना की नकली जांच की गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए मुले उप-जिला अस्पताल लाया गया। इस घटना से चिरौली, टोलेवाही और भगवानपुर में हड़कंप मच गया। क्षेत्र के किसानों, खेत मजदूरों और चरवाहों में आतंक का माहौल व्याप्त हो गया है।
जिले में पिछले 17 दिनों में यह दसवीं घटना है। लगातार बाघ के बढ़ते हमले और उसमें लोगों की हो रही मौत से नागरिकों में भारी रोष है। नागरिक वन विभाग सहित प्रशासन ने नरभक्षियों को पकड़ने और लोगों की सुरक्षा की उचित व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं।

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