Chandrapur: विरुर के प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी येलकेवाड़ निलंबित, 32 लाख 68 हजार का गोबर खरीदी घोटाला उजागर

चंद्रपुर: विरुर वन परिक्षेत्र में घास रोपण परियोजना के लिए फर्जी गोबर खरीदी के मामले में 32 लाख 68 हजार रुपए का बड़ा वित्तीय गबन उजागर हुआ है। इस गंभीर मामले में तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश येलकेवाड़ को सोमवार को मुख्य वन संरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर ने जांच रिपोर्ट का पूरा अध्ययन करने के बाद निलंबित कर दिया। इस मामले में दो अन्य वनपालों और छह वनरक्षकों का विभाग से बाहर तबादला कर दिया गया है और महाराष्ट्र सिविल सेवा नियम 1979 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है।
घोटाले का प्रकार
वर्ष 2023-24 में "कैम्पा" योजना के तहत घास रोपण परियोजना के लिए गोबर खरीदी दिखाई गई। लेकिन हकीकत में न तो खरीदी हुई और न ही गोबर मिलाने का काम हुआ। जुलाई से नवंबर 2024 के बीच तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी येल्केवाड़ ने अपने अधीनस्थ वनपालों और वनरक्षकों के साथ मिलकर फर्जी भुगतान तैयार करने की साजिश रची। इन फर्जी दस्तावेजी लेन-देन के जरिए 32 लाख 68 हजार 608 रुपये की भारी रकम का गबन किया गया। जांच समिति की रिपोर्ट में घोटाले का स्पष्ट खुलासा हुआ। नतीजतन, दोषी अधिकारियों से राशि वसूल की गई।
कार्रवाई की झड़ी
इस रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने वन परिक्षेत्र अधिकारी येल्केवाड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। साथ ही, संबंधित आठ अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।
समाज में गुस्से की लहर
वन संसाधनों के संरक्षण के लिए काम करने वाली व्यवस्था में इस तरह का भ्रष्टाचार बेहद शर्मनाक है और यह मामला पूरे जिले में वन विभाग को चर्चा का विषय बना रहा है। मामले में सख्त कार्रवाई से भ्रष्ट और अनियमित अधिकारियों में डर का माहौल है।

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