शालार्थ आईडी घोटले की जाँच करने राज्य स्तरीय SIT का गठन, तीन महीने में रिपोर्ट सरकार को सौंपने का आदेश

मुंबई/नागपुर: राज्य में शिक्षण संस्थानों में अपात्र कर्मचारियों को मिली शालार्थ आईडी और वेतन भुगतान के मामलों की जांच के लिए महायुति सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। इस तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता पुणे के विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार करेंगे। समिति को वर्ष 2012 के बाद जारी की गई सभी शालार्थ आईडी की जांच कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सरकार को सौंपने का आदेश दिया गया है।
ज्ञात हो कि, नागपुर, नाशिक, जळगाव, बीड, लातूर और मुंबई जैसे जिलों में अनुदानित और अंशतः अनुदानित शैक्षणिक संस्थानों में अपात्र शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन भुगतान में हुई अनियमितता के मामले सामने आए थे। राज्य के विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने राज्य भर में आये मामले की जाँच के लिए एसआईटी से कराने का निर्णय लिया था।
इसी के मद्देनजर गुरुवार को सरकार ने SIT गठित करने की घोषणा की। इस तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता पुणे के विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार (IAS) करेंगे। साथ में IPS अधिकारी मनोज लोहिया और शिक्षा आयुक्तालय, पुणे के सह-संचालक (प्रशासन) हारुन आतार को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
SIT को निर्देश दिया गया है कि वह वर्ष 2012 से अब तक अनुदानित और अंशतः अनुदानित शालाओं में हुई नियुक्तियों, वैयक्तिक मान्यता, शालागत मान्यता, सेवा सतत्य और तबादलों की वैधता की जाँच करे। साथ ही, अनियमित मान्यताओं और प्रक्रियाओं की समीक्षा कर उसमें सुधार के सुझाव दे। समिति को तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी होगी। इस पूरे मामले में अब तक नागपुर विभाग में 18 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिससे राज्यभर में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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