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अंधविश्वास ने ली दो मासूमों की जान, बुखार होने पर डॉक्टर के बजाय तांत्रिक के पास इलाज कराने के लिए लेकर गए थे परिजन


गढ़चिरोली:  जिले के सिरोंचा तहसील के जिमालगट्टा गांव में अंधश्रद्धा के चलते दो मासूम बच्चों की जान चली गई। गांव में रहने वाले छह वर्षीय बाजीराव और तीन वर्षीय दिनेश को बुखार की शिकायत थी। जिसके बाद परिवार वालों ने उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय एक तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने बच्चों को एक जड़ी-बूटी दी, जिसे लेने के बाद बच्चों की हालत तेजी से बिगड़ गई। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिवार ने तुरंत उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां पहुंचने पर दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया।

इस दुखद घटना के बाद अस्पताल में एम्बुलेंस की कमी के कारण माता-पिता को अपने दोनों बच्चों के शवों को कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ा। यह स्थिति परिवार के लिए अत्यंत कठिन और दुखदायी थी, और उन्होंने इस कठिन यात्रा को सहन किया, जिससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और संवेदनहीनता पर सवाल उठ रहे हैं।

इस घटना ने अंधश्रद्धा के खिलाफ समाज में जागरूकता की कमी को उजागर किया है। आज के दौर में आधुनिक चिकित्सा पद्धतियाँ और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, इसके बावजूद भी कई लोग अंधविश्वास और पारंपरिक मान्यताओं पर निर्भर रहते हैं, जिससे इस तरह की दुखद घटनाएं घटित होती हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस घटना की गंभीरता को समझते हुए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अंधश्रद्धा और अवैज्ञानिक विचारधाराओं के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की  जरूरत है।