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Nagpur

कैंसर वॉरियर निता अंजनकर ने रचा इतिहास, 564 किलो कच्चा चिवड़ा बना एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया नाम


नागपुर: कैंसर से तीन बार जूझ चुकीं, मगर कभी हार न मानने वाली निता अंजनकर ने एक बार फिर मिसाल कायम की है। प्रसिद्ध मास्टर शेफ और कैंसर वॉरियर नीता अंजनकर ने 564 किलो कच्चा चिवड़ा बनाकर एशिया  बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। इससे पहले वे 1,000 किलो की आम्बील बनाकर भी रिकॉर्ड बुक में अपनी जगह बना चुकी हैं।

अब एक बार फिर उन्होंने न केवल अपने साहस का प्रदर्शन किया, बल्कि कैंसर मरीजों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरी हैं। यह रिकॉर्ड बनाने से महज एक सप्ताह पहले ही उनका कैंसर का ऑपरेशन हुआ था। बावजूद इसके, उन्होंने न रुकना चुना, न झुकना। एक विशाल कढ़ाई में तैयार किए गए इस चिवड़े में मुरमुरे, पोहा, शेंगदाना, दालिया, सेव, प्याज, धनिया, हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, नमक, हल्दी, शक्कर और तेल का उपयोग किया गया। यह रिकॉर्ड वर्धा रोड स्थित संचेती स्कूल के प्रांगण में बनाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

नीता अंजनकर ने रिकॉर्ड के बाद कहा “कैंसर से डरना नहीं, कैंसर को डराना है।” शंखनाद न्यूज़ की तरफ से यह आयोजन कैंसर योद्धाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया था। नीता मैडम की यह उपलब्धि न सिर्फ एक रिकॉर्ड है, बल्कि उन सभी के लिए संदेश है जो जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद नहीं छोड़ते। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज होने के बाद निता अंजनकर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस आयोजन में मौजूद महिलाओ ने निता अंजनकर को सलाम करता करते हुए  उनके साहस को नमन किया।