सेंट्रल जेल मामला: जेल अधिकारियों की मदद से चल रहा कारोबार

नागपुर: सेंट्रल जेल में मोबाइल की बैटरी और गांजा मिलने वाला मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही जेल प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इसी बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसके तहत जेल के अंदर गांजा और मोबाइल फ़ोन पहुंचने में जेल के अधिकारी भी शामिल है। इसके लिए वह अच्छी खासी मेहनताना भी ले रहे थे।
एक समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, जेल के एक अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की है। नाम न लिखने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि, "जेल में न तो गांजा उगता है और न ही मोबाइल बैटरी बनाने का कोई कारखाना है। ये सब बाहर से आता है। अगर किसी आरोपी के पास गांजा और बैटरी मिली, तो उसे जेल में लाने वाले पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस आयुक्तालय ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, इससे यह सिलसिला रुकेगा। Central Jail Case
अधिकारी ने आगे कहा कि, इसकी तह तक जांच की जानी चाहिए कि, पुलिस के आरोपी सेल के कर्मचारी आखिर जेल के बाहरी परिसर में आरोपियों की फोन पर बातचीत क्यों कराते हैं। इसके लिए वे भी कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं।
पुणे से आई टीम ने भी की छानबीन
इस मामला के सामने आने के बाद से शहर सहित पूरे पुलिस विभाग में खलबली मच गई थी। जेल प्रशासन के निर्देश पर जहां पुणे से 35 अधिकारी- कर्मचारियों ने जेल में छानबीन की, वही पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के निर्देश पर जेल में 205 अधिकारी-कर्मचारियों ने जेल का चप्पा-चप्पा छान मारा, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा था।

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