रेलवे क्वार्टर्स में रहना जोखिम भरा: अजनी में फिर टूटी दीवार, महिला घायल; कर्मचारियों की जान दांव पर

नागपुर: रेलवे कॉलोनियों की जर्जर स्थिति को लेकर वर्षों से कर्मचारी आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन अफसोस हादसे होते जा रहे हैं और रेल प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। आज एक और दर्दनाक हादसा सामने आया, जब अजनी स्थित रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 350/L (RB-2) में किचन की दीवार अचानक गिर गई।
गृहिणी घायल, बाल-बाल बची जान
इस आवास में रहने वाले हेड टीटीई श्री मुकेश कुमार की पत्नी जब किचन में दोपहर 11:30 बजे खाना बना रही थीं, तभी दीवार का हिस्सा सीधे उनके हाथ और कंधे पर गिर पड़ा। उनके हाथ और कंधे में गंभीर चोटें आई हैं। गनीमत रही कि दीवार उनके सिर पर नहीं गिरी, वरना यह घटना जानलेवा साबित हो सकती थी।
पुराना इतिहास – कोई सबक नहीं
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसी क्वार्टर में सितंबर 2023 में एक अन्य TTE श्री सुजीत सिन्हा के साथ भी किचन स्लैब गिरने की घटना हो चुकी है। उस समय रेल प्रशासन ने उन्हें तात्कालिक राहत देते हुए दूसरा आवास दिया था और इस क्वार्टर को IOW द्वारा "असुरक्षित" घोषित भी किया गया था। बावजूद इसके, अब फिर एक रेलकर्मी को उसी क्वार्टर में रहने को विवश किया गया।
जानलेवा हो चुके हैं रेलवे क्वार्टर
यह कोई इकलौती घटना नहीं है। सिर्फ एक दिन पहले ही TTE निरंजन पांडेय के आवास 406/B की छत का हिस्सा गिर गया था, जिससे उनका पूरा परिवार बाल-बाल बचा। रेलवे प्रशासन का "सुरक्षित आवास" का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है।
कर्मचारी कर रहे वर्षों से अपील
रेल कर्मचारियों की स्ट्रक्चरल ऑडिट की माँग कोई नई नहीं है। अजनी रेलवे कॉलोनी की हालत लंबे समय से जर्जर और जानलेवा बनी हुई है। कई क्वार्टरों की छतें लटक रही हैं, दीवारें कमजोर हो चुकी हैं और रसोई व स्नानघर में सीलन, रिसाव आम बात है।

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