logo_banner
Breaking
  • ⁕ प्रशासन द्वारा समय पर लिया गया सुओ मोटो, राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को रोकने में सफल ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई; अवैध रेती तस्करी का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ नागपुर में 'I LOVE Muhammad' की दस्तक; ताजबाग इलाके में लगे बैनर, पुलिस जाँच शुरू ⁕
  • ⁕ Bhandara: विधायक के कार्यक्रम में बड़ा हादसा, गायन कार्यक्रम के दौरान मंच गिरा; विधायक नरेंद्र भोंडेकर और कई कार्यकर्ता नीचे गिरे ⁕
  • ⁕ विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी ⁕
  • ⁕ ‘लाडली बहन योजना’ लाभार्थियों को तकनीकी अड़चनों का करना पड़ रहा सामना, ई-केवाईसी प्रक्रिया में समस्या से महिलाओं में नाराजगी ⁕
  • ⁕ राज्य में अतिवृष्टि से हुआ 60 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों का नुकसान, मुख्यमंत्री ने कहा- अकाल के दौरान किये जाने वाले सभी उपाए किये जाएंगे लागु ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: श्रीरामसागर जलाशय से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, गढ़चिरोली के सिरोंचा में बाढ़ आने की आशंका ⁕
  • ⁕ Yavatmal: यवतमाल के वणी में आदिवासी समाज का भव्य आरक्षण बचाव मोर्चा ⁕
  • ⁕ पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ में विलय, विधायक सुधाकर अडाबले ने निर्णय का किया स्वागत ⁕
Nagpur

विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी


नागपुर: विदर्भ क्षेत्र के लिए मौसम विभाग (IMD) ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है। आगामी 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक पूरे विदर्भ में मूसलाधार (Heavy to Very Heavy) बारिश का पूर्वानुमान है, जिसके लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। यह बारिश ठीक उस समय हो रही है जब क्षेत्र की सोयाबीन, कपास और धान जैसी प्रमुख फसलें या तो कटाई के लिए तैयार खड़ी हैं या किसानों ने उन्हें काटकर खेतों में रखा हुआ है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने विदर्भ क्षेत्र के लिए आगामी 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक की अवधि हेतु भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय प्रशासन को सतर्क (Alert) रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह मौसमी बदलाव बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए निम्न दबाव क्षेत्र के कारण संभावित है। IMD के अनुसार, 4 और 5 अक्टूबर को वर्षा की तीव्रता अपने चरम पर पहुँच सकती है, जिससे विदर्भ के प्रमुख जिलों में जल-जमाव एवं स्थानीय बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की प्रबल संभावना है।