logo_banner
Breaking
  • ⁕ मानसून में विदर्भ के किसानों को लगा बड़ा झटका; लगातार बारिश से एक लाख हेक्टेयर फसल हुई बर्बाद, किसानों की सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग ⁕
  • ⁕ मानसून के दौरान चिखलदरा में टूटा पर्यटकों का रिकॉर्ड, चार महीने में पहुंचे ढाई लाख पर्यटक, नगर परिषद को हुई 56 लाख की आया ⁕
  • ⁕ मनकापुर फ्लाईओवर पर बड़ा हादसा, स्कुल वैन और बस में आमने-सामने जोरदार टक्कर; हादसे में आठ बच्चे घायल, एक की हालत गभीर ⁕
  • ⁕ Akola: चलती कार में लगी आग, कोई हताहत नहीं ⁕
  • ⁕ Akola: पातुर से अगिखेड़ खानापुर मार्ग की हालत ख़राब, नागरिकों ने किया रास्ता रोको आंदोलन ⁕
  • ⁕ एक हफ्ते बाद नागपुर में बरसे बादल, नागरिकों को मिली उमस से राहत ⁕
  • ⁕ Amravati: गणेशोत्सव मंडलों के बीच विवाद में चाकूबाजी; एक घायल, आरोपी फरार ⁕
  • ⁕ मेलघाट में बारू बांध टूटा; सड़क पर पानी बहने से यातायात बाधित ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Nagpur

Amravati: जनवरी से अगस्त तक 1183 किसानों ने की आत्महत्या, यवतमाल में सबसे ज्यादा 44 मामले


नागपुर/अमरावती: महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या के आंकड़े चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। जनवरी से अगस्त 2025 के आठ महीनों में राज्यभर में कुल 1183 किसानों ने आत्महत्या की है। यवतमाल जिले में अकेले अगस्त महीने में सबसे अधिक 44 किसानों ने अपनी जान दे दी।

इन 1183 आत्महत्याओं में से 607 को पात्र और 306 को अपात्र घोषित किया गया है। क्षेत्रवार आंकड़ों की बात करें तो आठ महीनों में छत्रपति संभाजी नगर संभाग में 520 और पश्चिम विदर्भ में 707 किसान आत्महत्याएँ दर्ज की गईं।

राज्य में कुल 14 जिले किसान आत्महत्या-प्रवण हैं, जिनमें छह विदर्भ और आठ मराठवाड़ा क्षेत्र के जिले शामिल हैं। किसानों की आत्महत्याओं के पीछे प्रमुख कारणों में भारी बारिश, कर्ज का दबाव, उचित मूल्य न मिलना और प्राकृतिक आपदाएँ शामिल हैं। विशेषज्ञों और प्रशासन की चेतावनी है कि यदि किसानों के लिए प्रभावी राहत और सहायता योजनाएँ नहीं चलाई गईं, तो यह संख्या और बढ़ सकती है।