logo_banner
Breaking
  • ⁕ कांग्रेस के सांसद श्यामकुमार बर्वे को झटका, कांदरी नगर पंचायत चुनाव में जीता एकनाथ शिंदे की पार्टी का प्रत्याशी ⁕
  • ⁕ Amravati: तलेगांव ठाकुर जंक्शन से कई सूचना फलक अचानक हटे, जमीन पर मिले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र सहित विभिन्न संस्थानों के सूचना फलक ⁕
  • ⁕ Wardha: जिले की देवली नगर परिषद में मतदान जारी, मतदाता सुबह से विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाल रहे वोट ⁕
  • ⁕ Gondia: गोंदिया और तिरोड़ा नगर परिषद् के वार्डो में मतदान जारी, 18 हजार मतदाता करेंगे 18 उम्मीदवारों का फैसला ⁕
  • ⁕ विदर्भ की सात सहित 23 नगर परिषद में आज मतदान, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था, रविवार को होगी परिणामों की घोषणा ⁕
  • ⁕ खापरी ROB–MIHAN इंटरचेंज फ्लाईओवर का काम हुआ शुरू, 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी एमआईडीसी हादसा: मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक, मृतकों को सरकार पांच, तो कंपनी को देगी 30 लाख का मुआवजा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Nagpur

Amravati: जनवरी से अगस्त तक 1183 किसानों ने की आत्महत्या, यवतमाल में सबसे ज्यादा 44 मामले


नागपुर/अमरावती: महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या के आंकड़े चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। जनवरी से अगस्त 2025 के आठ महीनों में राज्यभर में कुल 1183 किसानों ने आत्महत्या की है। यवतमाल जिले में अकेले अगस्त महीने में सबसे अधिक 44 किसानों ने अपनी जान दे दी।

इन 1183 आत्महत्याओं में से 607 को पात्र और 306 को अपात्र घोषित किया गया है। क्षेत्रवार आंकड़ों की बात करें तो आठ महीनों में छत्रपति संभाजी नगर संभाग में 520 और पश्चिम विदर्भ में 707 किसान आत्महत्याएँ दर्ज की गईं।

राज्य में कुल 14 जिले किसान आत्महत्या-प्रवण हैं, जिनमें छह विदर्भ और आठ मराठवाड़ा क्षेत्र के जिले शामिल हैं। किसानों की आत्महत्याओं के पीछे प्रमुख कारणों में भारी बारिश, कर्ज का दबाव, उचित मूल्य न मिलना और प्राकृतिक आपदाएँ शामिल हैं। विशेषज्ञों और प्रशासन की चेतावनी है कि यदि किसानों के लिए प्रभावी राहत और सहायता योजनाएँ नहीं चलाई गईं, तो यह संख्या और बढ़ सकती है।