'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' पीने से 19 बच्चों की मौत; 13 एमपी और छह महाराष्ट्र के बच्चे शामिल, NCDC की टीम नागपुर का करेगी दौरा

नागपुर: 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' के सेवन के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती 36 बच्चों में से 19 बच्चों की मौत हो गई है। मृतक बच्चों में 13 मध्य प्रदेश और छह महाराष्ट्र के हैं। नागपुर महानगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने यह जानकारी दी। सेलोकर ने आगे बताया कि, सिरप में डायएथिलिन ग्लाइकॉल नामक अत्यधिक विषैले रसायन की उपस्थिति थी, जो मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर का कारण बना। इस त्रासदी की गहन जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल की एक विशेष टीम शीघ्र ही नागपुर का दौरा करेगी।
ज्ञात हो कि, बीते दिनों मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले से ह्रदय विदारक घटना सामने आई थी। जहां कफ सिरफ पिलाने के बाद कई बच्चों की तबियत बिगड़ गई। इस घटना से देश में हड़कंप मच गया। इस दौरान कई बच्चों की मौत हो गई, वहीं 36 बच्चो को इलाज के लिए नागपुर लाया गया। जिनमें से इलाज के दौरान 13 बच्चों की मौत हो गई।
ज्ञात हो कि, बीते दिनों मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले से ह्रदय विदारक घटना सामने आई थी। जहां कफ सिरफ पिलाने के बाद कई बच्चों की तबियत बिगड़ गई। इस घटना से देश में हड़कंप मच गया। इस दौरान कई बच्चों की मौत हो गई, वहीं 36 बच्चो को इलाज के लिए नागपुर लाया गया। जिनमें से इलाज के दौरान 13 बच्चों की मौत हो गई।
शहर के अस्पतालों में बच्चों के चल रहे इलाज और स्थिति की जानकारी देते हुए नागपुर मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने बताया कि, "दूषित सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मिलाकर अब तक कुल 19 बच्चों की मृत्यु हुई है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र के किसी भी बच्चे की मौत दूषित कोल्ड्रिफ कफ सिरप से नहीं हुई है।
डायएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) बना मौत का कारण
जाँच में सामने आया है कि इन बच्चों की मौत मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूनों में डायएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीले रसायन की मात्रा अधिक पाई गई है।
सिरप की बिक्री रुकी, केंद्र की जाँच शुरू
इस गंभीर स्थिति के मद्देनज़र, राज्य सरकारों ने तत्काल इस सिरप की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संस्था (CDSCO) ने छह राज्यों में दवा निर्माण करने वाली कंपनियों की गहन जाँच शुरू कर दी है। डॉ. दीपक सेलोकर ने यह भी जानकारी दी कि इस पूरे मामले की विस्तृत जाँच के लिए एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल), दिल्ली की एक विशेष टीम जल्द ही नागपुर का दौरा करेगी।

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