गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बनाए जाएंगे 20 नए केज, बाघों की बढ़ती संख्या को देखते वन विभाग का निर्णय

नागपुर: नागपुर के गोरवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या अब चिंता का विषय बन गई है। इसे देखते हुए वन विभाग ने सेंटर में 20 नए केज बनाने का फैसला लिया है, जिससे घायल, आक्रामक या इंसानी बस्तियों के आसपास पाए जाने वाले बाघों को सुरक्षित रूप से रखने की व्यवस्था की जा सके।
गौरतलब है कि हर महीने कम से कम एक बाघ गोरवाड़ा सेंटर में लाया जा रहा है। इन बाघों में से अधिकतर या तो इंसानों पर हमला कर चुके होते हैं या फिर घायल/बीमार होते हैं। महाराष्ट्र में बाघों की संख्या 400 से ज्यादा हो गई है, जबकि जंगलों की वहन क्षमता लगभग 300 ही है। इससे जंगलों से बाहर निकलने वाले बाघों की संख्या भी बढ़ी है।
सेंटर की मौजूदा क्षमता अब बाघों की संख्या के अनुपात में बेहद कम पड़ने लगी है। ऐसे में वन विभाग ने निर्णय लिया है कि अगले कुछ महीनों में 20 नए केज बनाए जाएँगे, जो आधुनिक सुरक्षा मानकों से लैस होंगे। ये केज बाघों को चिकित्सा, क्वारंटीन और निगरानी में रखने के लिए उपयोगी होंगे।
वन विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नए केजों का निर्माण कार्य अगस्त से शुरू होगा और करीब 2-3 महीनों में इन्हें पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम न केवल बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि रेस्क्यू सेंटर के संचालन में भी सुगमता लाएगा।

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