logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर शहर में सुबह से हो रही जोरदार बारिश, जमकर गरज रहे बादल, छाए घनघोर काले बादल ⁕
  • ⁕ मानसून के दौरान चिखलदरा में टूटा पर्यटकों का रिकॉर्ड, चार महीने में पहुंचे ढाई लाख पर्यटक, नगर परिषद को हुई 56 लाख की आया ⁕
  • ⁕ मनकापुर फ्लाईओवर पर बड़ा हादसा, स्कुल वैन और बस में आमने-सामने जोरदार टक्कर; हादसे में आठ बच्चे घायल, एक की हालत गभीर ⁕
  • ⁕ Akola: चलती कार में लगी आग, कोई हताहत नहीं ⁕
  • ⁕ Akola: पातुर से अगिखेड़ खानापुर मार्ग की हालत ख़राब, नागरिकों ने किया रास्ता रोको आंदोलन ⁕
  • ⁕ एक हफ्ते बाद नागपुर में बरसे बादल, नागरिकों को मिली उमस से राहत ⁕
  • ⁕ Amravati: गणेशोत्सव मंडलों के बीच विवाद में चाकूबाजी; एक घायल, आरोपी फरार ⁕
  • ⁕ मेलघाट में बारू बांध टूटा; सड़क पर पानी बहने से यातायात बाधित ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Nagpur

नागपुर पुलिस लाइन में पेड़ गिरा, बहन ने दिखाई बहादुरी; बचाई छोटे भाई की जान


नागपुर: नागपुर के पुलिस लाइन परिसर से दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है, जहाँ एक 15 साल की बहादुर बच्ची ने अपने छोटे भाई की जान बचा कर मिसाल कायम कर दी। आईए देखते हैं क्या है पूरा मामला। 

मंगलवार दोपहर नागपुर पुलिस लाइन परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब क्वार्टर नंबर 94 के पास एक विशाल पेड़ अचानक गिर पड़ा। इस हादसे में दो मासूम बच्चे घायल हो गए। 15 वर्षीय समृद्धि अमित डोलस और उसका 6 साल का भाई सिद्धार्थ। समृद्धि, जो नागपुर के पूर्व पुलिस निरीक्षक अमित डोलस की बेटी है, उस समय अपने छोटे भाई के साथ खेल रही थी। तभी अचानक पेड़ गिरने लगा. लेकिन बिना एक पल गंवाए, समृद्धि ने सिद्धार्थ को धक्का देकर बचा लिया और खुद पेड़ की चपेट में आ गई।

दोनों बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि चोटें गंभीर नहीं हैं और दोनों खतरे से बाहर हैं। लेकिन इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगह में पेड़ों की देखरेख क्यों नहीं हो रही? पेड़ गिरने के बाद भी घंटों तक कोई राहत कार्य क्यों नहीं शुरू हुआ?

इस बहादुरी की हर तरफ तारीफ हो रही है.  समृद्धि की सोच, साहस और बलिदान वाकई प्रेरणादायक हैं। अब स्थानीय निवासी प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। क्या बाकी खतरनाक पेड़ों की जाँच होगी? क्या ऐसी लापरवाही दोबारा नहीं होगी?