logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Nagpur

नागपुर पुलिस लाइन में पेड़ गिरा, बहन ने दिखाई बहादुरी; बचाई छोटे भाई की जान


नागपुर: नागपुर के पुलिस लाइन परिसर से दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है, जहाँ एक 15 साल की बहादुर बच्ची ने अपने छोटे भाई की जान बचा कर मिसाल कायम कर दी। आईए देखते हैं क्या है पूरा मामला। 

मंगलवार दोपहर नागपुर पुलिस लाइन परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब क्वार्टर नंबर 94 के पास एक विशाल पेड़ अचानक गिर पड़ा। इस हादसे में दो मासूम बच्चे घायल हो गए। 15 वर्षीय समृद्धि अमित डोलस और उसका 6 साल का भाई सिद्धार्थ। समृद्धि, जो नागपुर के पूर्व पुलिस निरीक्षक अमित डोलस की बेटी है, उस समय अपने छोटे भाई के साथ खेल रही थी। तभी अचानक पेड़ गिरने लगा. लेकिन बिना एक पल गंवाए, समृद्धि ने सिद्धार्थ को धक्का देकर बचा लिया और खुद पेड़ की चपेट में आ गई।

दोनों बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि चोटें गंभीर नहीं हैं और दोनों खतरे से बाहर हैं। लेकिन इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगह में पेड़ों की देखरेख क्यों नहीं हो रही? पेड़ गिरने के बाद भी घंटों तक कोई राहत कार्य क्यों नहीं शुरू हुआ?

इस बहादुरी की हर तरफ तारीफ हो रही है.  समृद्धि की सोच, साहस और बलिदान वाकई प्रेरणादायक हैं। अब स्थानीय निवासी प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। क्या बाकी खतरनाक पेड़ों की जाँच होगी? क्या ऐसी लापरवाही दोबारा नहीं होगी?