विवादों में घिरता दिखाई दे रहा वाकेबल स्ट्रीट, नागरिकों ने निर्माण का विरोध किया शुरू

नागपुर: पुणे की तर्ज पर नागपुर में वाकेबल स्ट्रीट बनाई जा रही है. लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर समय-समय पर नई दिक्कतें सामने आ रही है. एक तो ये प्रोजेक्ट देरी से चल रहा है. दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट के चलते नई-नई दिक्कतें भी सामने आ रही है. बीते दिनों स्ट्रीट के नीचे से बिछी सीवर लाइन के चोक हो जाने की समस्या हुई थी. जिसके बाद मनपा को खुद नए चेंबर का निर्माण करना पड़ा,स्थानीय नागरिक इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत ज्यादा उत्साही दिखाई नहीं दे रहे और मामला अदालत में भी पहुंच चुका है जिसके चलते मनपा अब प्रोजेक्ट के नए काम को नहीं करने के मूड में दिखाई दे रही है.
बीते कुछ वक्त ने नागपुर शहर के बजाज नगर परिसर में बन रहा वॉकेबल स्ट्रीट विवादों में घिरता दिखाई दे रहा है. मनपा इस प्रोजेक्ट के तहत पुणे की तर्ज पर नागपुर में एक ऐसी स्ट्रीट तैयार करना चाहती है. जहां लोगों को अलग सुकून का अनुभव मिल सके लेकिन स्थानीय नागरिक लगातार इसका विरोध करते दिखाई दे रहे है दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट के तहत राहत कम नई नई दिक्कते अधिक खड़ी हो रही है. बीते दिनों काचीपुरा चौक से बजाजनगर चौक के बीच केंद्रीय कृषि विभाग की कॉलनी से सटी दीवार से बगल से डाली गयी वर्षो पुरानी सीवर लाइन डिस्टर्ब हो गयी थी. जिसकी वजह से न केवल इस कॉलनी बल्कि आस पास के इलाके में चोकेज की समस्या निर्माण हो गयी थी.
सीवर लाइन बहुत पुरानी है और वॉकेबल स्ट्रीट प्रोजेक्ट की वजह से जमीनी सतह की उचाई बढ़ गयी थी जिससे चेंबर नीचे भी दब गए थे. जो काम हो रहा है उसकी वजह से कंस्ट्रक्शन मटेरियल चेंबर में चला गया था जिस वजह से लाईन जाम हो गयी थी. जिसे हालही में क्लियर किया गया,मनपा के प्रोजेक्ट विभाग ने भविष्य में चौकेज की समस्या को देखते हुए नए चेंबर के निर्माण का निर्णय लिया है.
लगभग 16 करोड़ रूपए की लागत के वॉकेबल स्ट्रीट प्रोजेक्ट का काम हो रहा है. इसका लगभग काम हो चूका है लेकिन इसमें भारी देरी हो रही है.. बीते दिनों मनपा आयुक्त ने खुद प्रोजेक्ट के काम को देखा था और काम की गति को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. आयुक्त के इस दौरे के बाद ठेकेदार पर प्रोजेक्ट में देरी पर 25 हजार रूपए प्रति दिन का जुर्माना लगाया गया है. ये काम मार्च 2025 तक पूरा हो जाना था जो अब तक पूरा नहीं हुआ है. अब ठेकेदार को 25 हजार रूपए जुर्माने के साथ 16 सितंबर तक काम पूरा किये जाने का निर्देश दिया गया है.
प्रोजेक्ट में देरी के बीच और नागरिको के विरोध को देखते हुए नागपुर महानगर पालिका ने इस प्रोजेक्ट को तय प्रारूप से पूरा नहीं करने का निर्णय लिया है.. बजाज नगर से वीएनआयटी की तरफ एक हिस्से का काम पूरा किया जा चुका है जबकि दूसरी तरफ के हिस्से के काम के विरोध में नागरिको ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.. जिसे देखते हुए मनपा अब इस हिस्से पर कोई विकास काम नहीं किये जाने का मानस बना रही है. मनपा अपने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से शहर वासियो को देना तो किसी बड़े मेट्रो शहर की तरह का अनुभव चाहती थी लेकिन इसमें इतनी दिक्कतें हो रही है की क्या ही कहाँ जाये ?

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