डॉक्टर से ब्लैकमेलिंग का आरोपी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, वो ऐश की जिंदगी जीता था लेकिन अब अस्पताल में भर्ती

नागपुर के एक डॉक्टर से साढ़े चार करोड़ रूपए की ब्लैकमेलिंग किये जाने के मामले में नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कई चौंकाने वाले ख़ुलासे किये है
आयुक्त के मुताबिक आरोपी अजित पारसे के ख़िलाफ़ अब तक सिर्फ एक शिकायत पुलिस के पास आयी है लेकिन प्राथमिक जाँच में जो जानकारी निकल कर सामने आयी है उसके मुताबिक आरोपी द्वारा लोगों से वसूली गयी रक़म की कीमत 25 करोड़ के ऊपर जा सकती है
आरोपी अजित को गिरफ़्तार नहीं किया गया क्यूंकि वह लीवर से जुडी गंभीर बीमारी से ग्रसित है और शहर के एक बड़े अस्पताल में फ़िलहाल भर्ती है
आयुक्त ने बताया की आरोपी के घर की गयी छानबीन में पुलिस को कई संवेदनशील विभागों के जाली दस्तावेज मिले है यहाँ तक की नागपुर पुलिस के सदर थाने का रबर स्टैम्प भी बरामद हुआ है.
पुलिस को उम्मीद है की इस मामले के सामने आने के बाद और जाँच के दौरान आरोपी द्वारा फंसाये गए और लोग सामने आएंगे और शिकायत दर्ज कराएंगे
आयुक्त के मुताबिक आरोपी अजित पारसे सोशल मीडिया का अच्छा ख़ासा जानकार है और तकनीक की भी अच्छी समझ रखता है.पुलिस की प्राथमिक जाँच में यह पता चला है की आरोपी खुद ही ब्लैकमेलिंग के सारे जाल को बनता और लोगों को फंसता था
अजित के घर से पुलिस को कंप्यूटर,प्रिंटर,समेत ऐसे कागज़ात बरामद हुए है जिनके माध्यम से वह कई विभागों के जाली दस्तावेज बनता था.उसने सीबीआई जैसी संस्था को भी नहीं छोड़ा।उसने सीबीआई की एफआईआर से लेकर क्लोजर रिपोर्ट तक अपने घर में ही बैठकर अपने कंप्यूटर पर तैयार किया था.
अपने औरे को बढ़ाने और वजूद को प्रभावी दर्शाने के लिए वह प्रमुख अधिकारियों और नेताओं के साथ फ़ोटो खिंचवाता था.इसका इस्तेमाल वह अपने जाल में फंसने वाले लोगों की लिया करता था.उसकी वरिष्ठ लोगों के साथ की ऐसी कई तस्वीरें बरामद हुई है.वह सोशल मीडिया में एक्टिव रहता था और राजनीतिक स्थितियों पर टिप्पणियां किया करता था.
अजित जाल में फंसने वाले लोगों को प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच होने का दावा करता था. इन दावों का आधार फ़ोटो और जाली दस्तावेज होते थे.उसने कई पत्रकारों से भी नजदीकियां बढ़ा रखी थी.वह सीएसआर फंड दिलाने का दावा भी करता था.
अजित को लेकर जो सबसे चौकाने वाला खुलासा हुआ है वह हानि ट्रैप से जुड़ा हुआ है पुलिस को ऐसे पुख़्ता सुराग हाँथ लगे है जिससे यह खुलासा होता है की आरोपी अपने जाल में फंसाने वाले लोगों को हानिट्रैप में फंसाता था.वह खुद लड़कियाँ मुहैय्या करवाता था फिर चोरी छुपे वीडियो बना लेता था.इसके माध्यम से वह दबाव बनाता था.
अजित ब्लैकमेलिंग से कमाए गए पैसों से ऐश की जिंदगी जिया करता था उसके पास कई महँगी गाड़ियां और घड़ियाँ है जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है.
आरोपी फ़िलहाल बीमारी के चलते गिरफ़्तारी से बचा हुआ है लेकिन आने वाले समय में इस मामले में कई और गंभीर ख़ुलासे होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है.

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