9 करोड़ में निर्मित आरोग्य वर्धिनी केंद्र हो रहा लापरवाही का शिकार, फर्नीचर नहीं होने से स्टाफ की नियुक्ति नहीं

नागपुर: जिले की पारशिवनी तहसील अंतर्गत आने वाले घाट पेंडारी गांव में आयुष्मान भारत योजना के तहत बनाया गया आरोग्य वर्धिनी केंद्र वर्तमान में शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण अपनी स्थिति पर आंसू बहा रहा है। ज्ञात हो कि लगभग 9 करोड़ की लागत से बने इस आरोग्य वर्धिनी का भूमिपूजन 2019 में तत्कालीन विधायक डी मल्लिकार्जुन रेड्डी के प्रयासों से उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के हस्ते किया गया था।
वर्तमान में यह आरोग्य वर्धिनी पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है, परंतु शासन प्रशासन की लालफीताशाही के शिकार इस चिकित्सालय में मात्र 20 लाख की लागत से फर्नीचर का काम नहीं होने के कारण इस चिकित्सालय को शासन की ओर से चिकित्सालय में लगने वाले स्टाफ का आवंटन नहीं किया गया है। जबकि ठेकेदार के द्वारा इमारत का कार्य पूरा कर दिया गया, परंतु बिजली व्यवस्था को अभी तक सुचारू रूप से संचालित नहीं किया गया है।
राज्य का आखिरी गांव
घाट पेंडारी गांव जो कि महाराष्ट्र का अंतिम गांव होने के साथ ही आज भी इस गांव में बुनियादी सुविधाएं का अभाव होने के साथ नागरिकों को कार्यालयीन कार्यों को लेकर पारशिवनी आने के लिए मध्यप्रदेश से होकर आना पड़ता है, जिसमें नागरिकों को 18 किलोमीटर की जगह 100 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। जबकि इस चिकित्सालय का उपयोग इस क्षेत्र के14 से अधिक गांवों को होने वाला है, परंतु अधिकारियों एवं नेताओं के चक्कर में इस चिकित्सालय का उद्घाटन कब होगा, यह समय के गर्भ में है। जबकि पूर्व विधायक ने इस चिकित्सालय को तीन महीने में शुरू करने की बात कही है।
जल्द से जल्द होगा शुरू
इस मामले पर पूर्व विधायक डी मल्लिकार्जुन रेड्डी ने कहा कि, 2012 में प्रस्तावित यह प्रोजेक्ट जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण रुका हुआ था। हालांकि, 2019 में इसका निर्माण शुरू किया गया। लेकिन सरकार बदलते ही इसपर ध्यान नहीं दिया गया और प्रस्ताव मंत्रालय में पड़ रहा। इसको जल्द से जल्द शुरू करने के लिए मैंने मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस जी से मुलाकात कर इसको जल्द से जल्द शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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