बच्चू कडु का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, कहा- निकला समाधान तो ठीक नहीं तो 31 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन; जारंगे ने की मुलाकात
 
                            नागपुर: पूर्व विधायक बच्चू कडू की अगुवाई में किसान कर्ज माफी के लिए राज्य की उपराजधानी नागपुर में शुरू किया गया आंदोलन आज लगातार तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार रात राज्य सरकार के डेलीगेशन और प्रदर्शनकारियों के साथ डेढ़ घंटे बातचीत हुई। लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसलिए आज मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ फिर बातचीत होगी। इस मीटिंग में कर्ज माफी की तारीख तय नहीं हुई तो बच्चू कडू ने चेतावनी दी है कि, 31 अक्टूबर को रेलवे जाम कर दिया जाएगा। इस बीच मनोज जरांगे ने बच्चू कडू से प्रदर्शन वाली जगह पर मुलाकात की है।
इससे जुड़ी जानकारी के मुताबिक, राज्य मंत्री पंकज भोयर और राज्य मंत्री आशीष जायसवाल बुधवार रात करीब 8.30 बजे नागपुर में प्रदर्शन वाली जगह पर गए और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। डेलीगेशन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए शाम 4 बजे पहुंचना था। लेकिन वे बहुत देर से पहुंचे। इस वजह से प्रदर्शनकारियों ने उनकी पिटाई कर दी।
उनका कहना था कि कर्ज माफी हो तभी बातचीत का कोई मतलब है, वरना कोई मतलब नहीं है। लेकिन बाद में उनका गुस्सा शांत हो गया। आखिर में, डेलीगेशन और प्रोटेस्ट लीडर्स के बीच बातचीत हुई। इसमें, डेलीगेशन ने बच्चू कडू की मुख्यमंत्री से फोन पर बात करवाई। उसके बाद, उन्होंने बातचीत के लिए मुख्यमंत्री का न्योता मान लिया। लेकिन साथ ही, उन्होंने यह भी साफ किया कि सड़कें खाली कर दी जाएंगी और प्रोटेस्ट तय जगह पर ही जारी रहेगा।
हाई कोर्ट ने लिया स्वप्रेरणा संज्ञान
दूसरी ओर, हाई कोर्ट ने इस प्रोटेस्ट में स्वप्रेरणा याचिका दायर की और नागपुर पुलिस को बुधवार शाम 6 बजे तक प्रोटेस्ट करने वालों को हाईवे से हटाने का निर्देश दिया। इस आदेश के साथ, पुलिस प्रोटेस्ट वाली जगह पर पहुंच गई। लेकिन प्रोटेस्ट करने वालों ने यह स्टैंड लिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे सड़कों से नहीं हटेंगे। इस वजह से, उन्हें जिस रास्ते से आए थे, उसी रास्ते से वापस जाना पड़ा। नतीजतन, माहौल कुछ तनावपूर्ण हो गया था।
कोर्ट ने क्या कहा?
ज्यूडिशियरी की भूमिका सिर्फ न्याय देने तक सीमित नहीं है। यह भूमिका नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में सक्रिय होनी चाहिए। खासकर, प्रोटेस्ट करने वालों के बोलने और प्रदर्शन के अधिकारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन हाई कोर्ट के जस्टिस रजनीश व्यास ने कहा था कि पब्लिक सड़कों, खासकर नेशनल हाईवे को ब्लॉक करके प्रोटेस्ट करना दूसरे नागरिकों की आज़ादी का उल्लंघन है। जस्टिस व्यास ने अखबार की रिपोर्ट के आधार पर किसानों के प्रोटेस्ट के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी।
क्या मनोज जरांगे भी प्रोटेस्ट में लिया हिस्सा?
मराठा प्रोटेस्टर मनोज जरांगे पाटिल ने भी आज बच्चू कडू के किसानों के प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया। वह आज सुबह प्रोटेस्ट साइट पर गए और बच्चू कडू से मिले। इस दौरान जरांगे और कडू के बीच बातचीत हुई। जरांगे ने उनके प्रोटेस्ट के लिए अपना सपोर्ट जताया है।
 
                 
         
 
 
 
 
     
             
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                
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