गढ़चिरोली में पकड़ा गया नरभक्षी बाघ सीटी 1 अब जीवन भर रहेगा कैद
गडचिरोली,चंद्रपुर और भंडारा में लगभग एक साल से अधिक समय तक दहशत का पर्याय रहे सीटी 1 बाघ को -पकड़ लिया गया है
गडचिरोली जिले के एकलपुर में वन विभाग के शार्प शूटरों ने कई मशक्क़त के बाद इस बाघ को पकड़ा है.वनविभाग के मुताबिक इस बाघ ने अब तक 13 इंसानों की जान ली है.
बाघ का रेस्क्यू किये जाने के बाद उसे नागपुर स्थित वाईल्ड लाइफ रेस्क्यू एंड रिसर्च सेंटर में लाया गया है.यहाँ लाये जाने के बाद बाघ के स्वास्थ्य की जाँच की गयी
लगभग पांच वर्ष की उम्र वाले इस बाघ के अब रेस्क्यू सेंटर में पहुंच जाने के बाद एक तरह से वह जिंदगी भर के लिए कैद हो गया है.यहाँ पहुँचने के बाद अब बाघ कभी वापस जंगल नहीं लौट पायेगा.
गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में डॉ मयूर पावसे ने बाघ की जाँच की उन्होंने यूसीएन न्यूज़ को बताया की यह बाघ अन्य बाघों की तुलना में अधिक शक्तिशाली,ऊर्जावान और गुस्सैल प्रवृत्ति है.उसकी कद काठी में सामान्य बाघ की तुलना में अधिक है.
गौरतलबहो की इस सीटी-1 बाघ को पकड़ने में वन विभाग को ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी.यह इतना ऊर्जावान था की इसने कई बार वन विभाग के कई दस्तों और शार्प शूटर्स को चकमा दिया था.
इस बाघ को लेकर चलाये गए रेस्क्यू ऑपरेशन में करोड़ों रूपए भी खर्च हुए है.अब इसके गोरेवाड़ा पहुँचने के बाद इसके व्यवहार पर नज़र रखी जायेगी।वन विभाग के बाघों को लेकर बनाये गए नियम के अनुसार अगर कोई बाघ नरभक्षी सिद्ध हो जाता है तो उसे पकड़ने के बाद कभी जंगल में नहीं छोड़ा जाता। वह जीवन भर या तो रेस्क्यू सेंटर या फिर किसी न किसी ज़ू में रहेगा।
वन विभाग के आधिकारिक आंकड़े बताते है की इस बाघ ने 13 इंसानों का शिकार कर उन्हें मौत के घाट उतारा है लेकिन कयास है की इसने कई अधिक लोगों का शिकार किया हो.इससे पहले इसी तरह की दहशत अवनी बाघिन को लेकर थी.
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