कावरापेठ-शांतिनगर फ्लाईओवर सहित दही बाजार पुलिया के डिजाइन में होगा बदलाव! विधानसभा में PWD मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ने की घोषणा

नागपुर: उपराजधानी नागपुर के यातायात दिक्कतों (Nagpur City Traffic Problem) को कम करने के बजाय मुसीबतें बढ़ने वाले कावरापेठ-शांतिनगर फ्लाईओवर (Kawarapeth- Shantinagar Flyover) के गलत डिजाइन में सुधर करने का निर्णय राज्य सरकार ने किया है। बुधवार को विधानसभा में नागपुर शहर (Nagpur City) के कई विधायकों ने फ्लाईओवर के डिजाइन और उससे होने वाले ट्रैफिक समस्या का मुद्दा विधानसभा में उठाया, जिस पर जवाब देते हुए लोकनिर्माण विभाग मंत्री छत्रपति शिवेंद्रराजे भोसले (Chhatrapati Shivendraraje Bhosale) ने जानकारी दी।
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक नितिन राउत ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान फ्लाईओवर का मुद्दा विधानसभा में उठाया। राउत ने कहा कि, "सरकार ने करोडो खर्च कर फ्लाईओवर बनाया है। लेकिन डिजाइन गलत होने के कारण यह नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। तीन विधानसभा क्षेत्रों से जाने वाले इस फ्लाईओवर का कोई लैंडिंग नहीं है। डिजाइन तैयार करने के दौरान पीडब्लूडी विभाग से इसमें बदलाव करने का आग्रह किया था, लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया।" राउत ने आगे कहा कि, नागपुर पुलिस आयुक्त सहित डीसीपी ट्रैफिक ने भी फ्लाईओवर का निरक्षण किया था, जिसमें उन्होंने ट्रैफिक जाम की बात कही थी। आम तौर पर फ्लाईओवर बनने के लिए मापदंड तय है लेकिन डिजाइन के निर्माण दौरान इसका पालन नहीं किया गया।
वहीं पूर्व नागपुर विधायक कृष्ण खोपड़े ने कहा कि, "फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान हमने इंजिनियर को डिजाइन को लेकर कई सुझाव दिए थे लेकिन हम इंजीनयर नहीं थे इसलिए सुझाव को दरनिकार कर दिया। यह बेहद महत्वपूर्ण ब्रिज है। फ्लाईओवर बनने से पहले यहां दो-दो घंटे का जाम लगता था।" खोपड़े ने आगे डिजाइन निर्माण की जाँच करने और अधिकारियो पर कार्रवाई की मांग की।
चर्चा के दौरान विधायक प्रवीण दटके ने दहीबाजार पुलिया का मुद्दा भी उठाया। दटके ने कहा कि, फ्लाईओवर के ग़लत डिजाइन के कारण मध्य नागपुर के नागरिकों का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। इसके पहले दही बाजार का पुलिया भी बनाया गया है, लेकिन एक मस्जिद के लिए डिजाइन को बदल दिया गया। जिससे जो अंडर पास बनाया है वह केवल पार्किंग और अतिक्रमण के लिए रह गया है। इस दौरान दटके ने राज्य सरकार से नया चौक बनाने की मांग भी की। इसी के साथ भाजपा विधायक ने बिनाकी फ्लाईओवर को लेकर कहा कि, हजारों लोग गलत साइड से फ्लाईओवर पर चढ़ते हैं, जिससे बड़ी संख्या में दुर्घटना हो रही है। दटके ने अपने संबोधन के दौरान डिजाइन में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियो पर सचिव स्तर की जांच करने और कार्रवाई की मांग की।
फ्लाईओवर को ठीक करने का काम शुरू
विधायकों की मांग पर जवाब देते हुए मंत्री भोसले ने कहा कि, "300 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दो फ्लाईओवर बनाया गया है। जिसका पैसा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीएसआर फंड से दिया है। हालांकि, फ्लाईओवर यातायात के लिए सही नहीं है।" मंत्री आगे ने बताया कि, "20 करोड़ खर्च कर हमने काम शुरू कर दिया है। कावरापेठ फ्लाईओवर की चौड़ाई को 14 मीटर से बढाकर 26.61 मीटर से ज्यादा का किया जा रहा है। वहीं राजीव गांधी फ्लाईओवर की चौड़ाई को हम 22.55 मीटर किया जा रहा है, जिससे फ्लाईओवर पर ट्रैफिक और दुर्घटना से मुक्ति मिलेगी।"
गलत डिजाइन के सवाल पर बोलते हुए मंत्री भोसले ने कहा कि, "डिजाइन में बदलाव में हमने शुरू कर दिया है। इसको लेकर हम नई कंपनी के माध्यम से दोबारा डिजाइन को तैयार करेंगे और संबंधित फ्लाईओवर को ठीक करने का काम शुरू करेंगे। वहीं अधिकारीयों पर करवाई के सवाल पर बोलते हुए पीडब्लूडी मंत्री ने कहा कि, "हम पुरे मामले की जाँच करेंगे और विभागीय के नियमों के तहत उचित कार्रवाई करेंगे।"
बधाई को लेकर नितिन राउत और खोपड़े में भिड़ंत
मुद्दे पर चर्चा के दौरान विधायक कृष्णा खोपड़े और नितिन राउत के बीच नोकझोक भी हो गई। खोपड़े ने राउत पर हमला बोलते हुए कहा कि, "आज कांग्रेस नेता मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन जब वे मंत्री और पालकमंत्री थे उन्होंने इसके लिए कुछ नहीं किया। खोपड़े की बात पर कांग्रेस विधायक आक्रामक हो गए। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि, "भाजपा विधायक विकास में राजनीति कर रहे हैं। भेल ही फ्लाईओवर बनाने के लिए पैसे केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी है, लेकिन इसकी मंजूरी तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने दी थी। इसलिए उन्होंने ऐसे मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।" विधासभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद दोनों नेता शांत हुए।

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