नागपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा का कामकाज़ देखने वाली एमकेसीएल कंपनी को शिक्षा मंत्री ने दिखाया बाहर का रास्ता

नागपुर -राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा का कामकाज देखने वाली एमकेसीएल कंपनी को बाहर रास्ता दिखा दिया गया है. एमकेसीएल कंपनी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बैठक लेकर ये निर्णय लिया है. साथ ही पाटील ने कुलगुरु और अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर अगले 8 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपने को को कहा है.
शिक्षा मंत्री के इस आदेश के बाद विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। दरअसल रविवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील खुद ने खुद नागपुर में बैठक लेकर एमकेसीएल कम्पनी को बाहर का रास्ता दिखाए जाने का निर्णय लिया। साथ ही उन्होंने कुलगुरु और अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच के आदेश दिए है. इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का फैसला लिया है। इस समिति को अगले 8 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है. ऐसे में प्रोमार्क कंपनी को परीक्षा के कामकाज के लिए अगले 6 महीने का अतिरिक्त कार्यकाल भी दिया गया है।
एमकेसीएल कंपनी पर आरोप है की ने उसने लगातार एक के बाद एक कई गड़बड़ियां की है.शीतकालीन सत्र 2021 के कई नतीजे अब तक नहीं आये हैं। जिसके बाद विधान परिषद में विधायक अभिजीत वंजारी और प्रवीण दटके ने एमकेसीएल कम्पनी के कामकाज पर विधान परिषद में प्रश्न पूछे थे जिसके ज़वाब में सदन के भीतर ही उच्च शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई का भरोसा दिया था. बैठक में दटके, वंजारी समेत विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य एड. मनमोहन वाजपेयी, विष्णु चांगदे, शिवाणी दाणी समेत अधिकारी भी मौजूद थे।

admin
News Admin