कोरोना की नेसल वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मिली मंजूरी,वैक्सीन के तीनों चरण का विदर्भ में हुआ है ट्रायल

नागपुर: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत ने एक और मील के पत्थर का मुकाम हासिल कर लिया है. अब देश में कोरोना की वैक्सीन नाक के माध्यम से भी दी जा सकेगी। भारत के औषधि महानियंत्रक ने भारत बायोटेक कंपनी निर्मित नसल वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस बात की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर दी। लगभग एक साल तक 3 हजार से अधिक लोगों पर किये गए तीन चरण के ट्रायल के बाद वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की गई है.खास है कि इस वैक्सीन के तीनों चरणों के ट्रायल में विदर्भ की हिस्सेदारी रही.
इस वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल नागपुर के गिल्लूरकर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में किया गया था जबकि दूसरे चरण का ट्रायल विदर्भ के अमरावती शहर और तीसरे चरण का ट्रायल वर्धा में हुआ था.अब जब इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान कर दी गई तो इस प्रक्रिया से जुड़े डॉक्टर ने न केवल इस पर ख़ुशी जताई है बल्कि कोरोना बीमारी के लिए वैक्सीन को नाक से दिए जाने को ज्यादा असरदार माना है.
इस वैक्सीन के पहले ट्रायल को करने वाले डॉ चंद्रशेखर गिल्लूरकर का मानना है कि यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित होगी। उनका कहना है की इस वैक्सीन ने इम्युनिटी बढ़ती है.इस वैक्सीन की वजह से शरीर में आयजीजी इम्यूनोग्लोबल बढ़ते है.और कोरोना का इंफेक्शन नाक के रास्ते मानवी शरीर में घुसता था यह वैक्सीन वायरस को नाक में ही समाप्त करने के ख़ूबी रखती है यह भी डॉ गिल्लूरकर ने बताया।

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