फर्जी सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अजित पारसे का नया कारनामा,प्रतिष्ठित नागरिक शिकार होने से बाल-बाल बचे

नागपुर:फर्जी सोशल मीडिया एक्सपर्ट बनकर कई लोगों को करोड़ो रुपयों का शिकार करने वाले ठग अजित पारसे से जुड़ा नया ख़ुलासा सामने आया है.शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों द्वारा मिलकर बनाई गई एक संस्था में अजित जुड़ा था लेकिन उसकी हकीकत का पता चलते ही उसे संस्था के सचिव पद से निकाल दिया गया.इस संस्था के पदाधिकारी जो खुद मौजूदा सत्ता में पकड़ रखते है उसने उन्हें भी सीएसआर का फंड लाने का झांसा दिया है.संस्था के अध्यक्ष ने पुलिस को भी अपना बयान दर्ज कराया है.
कई सामाजिक संगठनों में सक्रिय हेमंत जांभेकर ने ग्रीन क्रूड एंड बायोफ्यूल फाउंडेशन के अध्यक्ष है.वर्ष 2019 में किसी के माध्यम से ठग अजित पारसे ने उनसे संपर्क किया।संस्था नई थी और अजित मीडिया में सक्रिय था.इसलिए उन्होंने उसे अपनी संस्था में शामिल कर लिया और सचिव का पद दिया इस दौरान संस्था ने करंज वनस्पति से बायोफ्यूल तैयार करने की योजना बनाई गई.खास है की इस दौर में 10 हजार करंज के पेड़ भी लगाए गए.इन पेड़ों का इंतजाम खुद अजित ने किया। लेकिन संस्था में वह जिस तरह से काम करने लगा इससे जांभेकर को शक हुआ और अजित को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
ग्रीन क्रूड एंड बायोफ्यूल फाउंडेशन में शहर के कई प्रतिष्ठित लोग शामिल है.यह संस्था प्रमुखतः पर्यावरण से जुड़े संसोधन और समस्याओं के निदान के लिए रिसर्च से जुड़े काम करती है.हेमंत के मुताबिक अजित अपने आप को जिस तरह से खुद को पेश करता था वह आकर्षक था लेकिन उसका इरादे नेक नहीं इसकी भनक उन्हें समय रहते लग गई जिस वजह से वर्ष 2020 में एक साल के भीतर ही उसे संस्था से निकाल दिया गया लेकिन उसने उन्हें भी झांसे में लेने की कोशिश की और कई प्रभावित लोगों में पैठ होने की बात कहते हुए प्रोजेक्ट के लिए सीएसआर का फंड लाये जाने की भी बात कहीं थी.
हेमंत जांभेकर ने अजित से जुड़े मामले में पुलिस को अभी अपना बयान दर्ज कराया है और अन्य लोगों से अपील की है की अगर वो अजित के झांसे में आकर ठगी का शिकार हुए हो तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराये।

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