पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा पत्र, कहा- अध्यक्ष के लिए थारुर ही आखिरी विकल्प

नागपुर: कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी मैदान में हैं। वहीं थारुर के लिए समर्थन जुटाने का काम पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने अपने हाथो में ले लिया है। इसी का नतीजा था कि, थरूर नामांकन दाखिल करने के बाद सबसे पहले नागपुर पहुंचे थे और अपना प्रचार शुरू किया था। इसी क्रम में देशमुख ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पत्र लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए एकमेव विकल्प बताया है।
ज्ञात हो कि, थरूर के नागपुर दौरे को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कोई ख़ास समर्थन नहीं मिला था। आशीष देशमुख के अलावा कांग्रेस पार्टी का कोई भी बड़ा नेता थरूर से मिलने नहीं पहुंचा था। थरूर के दौरे के दौरान शहर कांग्रेस कमिटी और जिला कांग्रेस कमेटी का कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था।
देशमुख ने अपने पत्र में लिखा, "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष लोकतांत्रिक तरीके से चुना जाना चाहिए इसको लेकर श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने खुद को इससे दूर रखा ही। जो बेहद स्वागत योग्य है। 24 साल बाद पहला मौका जब कोई गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष होगा। पार्टी में विकेंद्रीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और कांग्रेस का भविष्य उज्ज्वल है।
देशमुख ने कहा, "राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और 'जी-23' समूह के सांसद डॉ. शशि थरूर के बीच सीधा मुकाबला होगा। थरूर एक उच्च शिक्षित और अध्ययनशील सांसद हैं। उनका काम अंतरराष्ट्रीय है। थरूर ने जब अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया उस समय 12 राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपना समर्थन दिया। कार्यकर्ता चाहते हैं कि 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उनकी जीत पक्की हो जाए।
देशमुख ने कहा, "डॉ शशि थरूर के पार्टी में सभी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। उनमें पार्टी को नई दिशा दिखाने की क्षमता है। कांग्रेस युवाओं की पार्टी है। देश की 52% आबादी 25-30 आयु वर्ग के अंतर्गत है। इस युवा को कांग्रेस की विचारधारा से जोड़ने का काम शशि थरूर कर सकते हैं। देशमुख ने विश्वास जताया है कि वह पार्टी को नई ताकत के साथ आगे ले जाकर कांग्रेस को देश में सत्ता में लाने की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम होंगे।
मौजूदा स्थिति से निकलने थरूर गेम चेंजर
देशमुख ने अपने पत्र में लिखा, इंदिरा गांधी के समय में पूरा विदर्भ कांग्रेस के साथ था। कार्यकर्ता गांवों से कांग्रेस का समर्थन करते हैं। लेकिन, उसके बाद स्थिति बदल गई। देश के हर राज्य में कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है और कांग्रेस ही देश को प्रगति के शिखर पर ले जा सकती है। नई ऊर्जा, नई आशा, नई क्षमता के साथ पार्टी की मौजूदा स्थिति और प्रक्रिया से बाहर निकलने के लिए शशि थरूर एकमात्र विकल्प हैं।

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