Ganesh Festival: मनपा के अभियान का दिखा असर, केवल 8 फीसदी निकलीं पीओपी की मूर्तियां

- 1,40,537 प्रतिमाओं का कृत्रिम टैंक में विसर्जन
- 1,29,120 मिट्टी की मूर्तियां
- 11,417 निकलीं पीओपी की
नागपुर. इस वर्ष गणपति बाप्पा के भक्तों ने पर्यावरणपूरक गणेशोत्सव मनाने में अधिक जोर दिया. अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह से लेकर देर रात तक बाप्पा की विदाई का सिलसिला चलता रहा. शहर में मनपा प्रशासन द्वारा 204 स्थानों पर तैयार किये गए 390 कृत्रिम टैंकों में श्री का विसर्जन किया गया. मनपा से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 1,40,537 प्रतिमाओं का विसर्जन इन टैंकों में किया गया जिसमें केवल 8 प्रतिशत ही पीओपी की मूर्तियां निकलीं. 1,29,120 मिट्टी की मूर्तियां और 11,417 पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन शुक्रवार की देर रात तक हुआ. मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने पर्यावरणपूरक उत्सव मनाने के लिए नागरिकों का आभार माना.
अगले बरस तू जल्दी आ
देर शाम से श्री की विदाई का सिलसिला तेज हुआ. गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ... के जयघोष से पूरी सिटी गूंज रही थी. अनेक जगहों पर ढोल-ताशों और संदल व बैंडबाजे के साथ भक्त नाचते-गाते निकले. फूलों और गुलाल की बारिश होती रही. बाप्पा के विसर्जन के समय लोगों की आंखें भी नम हो गईं. कुछ सार्वजनिक मंडलों ने भी विसर्जन किया. वहीं अनेक मंडलों द्वारा रविवार को भी विसर्जन किया जाएगा.
कोराडी में बड़ी मूर्तियों का विसर्जन
इस वर्ष 4 फुट से ऊंची प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था कोराडी में की गई. इसके अलावा 24 से अधिक मोबाइल विसर्जन कुंड की व्यवस्था की गई थी ताकि नागरिकों को किसी तरह की तकलीफ न हो. निर्माल्य के लिए अलग से कुंड रखे गए थे जिसमें एक ही दिन में 142.25 टन निर्माल्य संकलित किया गया. सुबह से रात तक कचरा एकत्र करने वाली गाड़ियां अपना काम करती रहीं. फुटाला, सोनेगांव, सक्करदरा, गांधीसागर, नाईक तालाब, लेंडी तालाब, पुलिस लाइन टाकली सहित सभी चौराहों व अन्य जगहों पर कृत्रिम टैंक रखे गये थे. तालाबों में विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित था.

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