मानसून की भारी बारिश पूर्व विदर्भ में भारी नुकसान; 69 नागरिकों की मृत्यु, 8,374 घरों को हुआ नुकसान

नागपुर: इस साल मानसून की भारी बारिश ने कई लोगों को सड़कों पर ला दिया। नदियों और नहरों का पानी सीधे उनके घरों में घुस गया। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नागपुर संभाग के छह जिलों में 8,374 घर आंशिक रूप से और 132 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान 69 नागरिकों की मृत्यु और 32 लोगों के घायल होने की सूचना दी है।
आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस साल की बारिश नागपुर संभाग के छह जिलों में लोगों के लिए आफत लेकर आई। भारी बारिश और नदियों-नहरों में बाढ़ के कारण सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए। इस आपदा ने नागरिकों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह का नुकसान पहुँचाया है। घरों के साथ-साथ, पशुशालाएँ, कृषि उत्पाद और घरेलू सामान बाढ़ के पानी में बह गए। प्राकृतिक आपदा से हुई कुल क्षति भयावह है।
प्रशासन ने 69 नागरिकों की मृत्यु और 32 लोगों के घायल होने की सूचना दी है। इतना ही नहीं, किसानों की रीढ़ माने जाने वाले पशुओं को भी काफी नुकसान हुआ है, जिनमें 127 पशुओं की मौत हो गई। इसके अलावा, 878 गौशालाओं को भी नुकसान पहुँचा है।
पंचनामा प्रक्रिया चल रही है और मदद के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस आपदा का कृषि पर भी गहरा असर पड़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारी बारिश से 69,627 किसान प्रभावित हुए हैं और उनकी फसलें जलमग्न हो गई हैं।
इन किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि उनके पूरे परिवार की आजीविका पर भी संकट आ गया है। संभाग में 43,000 हेक्टेयर से ज़्यादा और नागपुर ज़िले में 6,128 हेक्टेयर से ज़्यादा फसलों को भारी नुकसान हुआ है। प्रभारी ज़िला कृषि अधीक्षक दत्तात्रेय येले ने बताया कि सरकारी नियमों के अनुसार सहायता प्रदान की जाएगी।
संभाग में नुकसान:
- मृत्यु: 69
- घायल: 32
- पशुधन क्षति: 127
- फसलों को नुकसान: 878
- प्रभावित किसान: 69,627

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