अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से किसानों पर दोहरी मार, 'गीला सूखा' घोषित करने की मांग

नागपुर: पिछले कुछ दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि (गारपीट) ने कामठी सहित पूरे जिले में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है। पिकाेें की बुवाई और देखरेख में बड़ा खर्च करने के बाद बारिश ने फिर ज़ोरदार दस्तक दी, जिससे किसान गहरे संकट में घिर गए हैं।
फसलों की बर्बादी का मंजर
इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का सबसे ज़्यादा कहर सोयाबीन, कपास और अरहर (तूर) की फसलों पर टूटा है।
- सोयाबीन: लगातार पानी भरे रहने के कारण सोयाबीन की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। नतीजतन, पौधों पर लगी फलियाँ (शेंगा) सड़कर गिरने लगी हैं, जिससे किसानों का नुकसान लगभग तय हो गया है।
- कपास और अरहर: ओलावृष्टि (गारपीट) इतनी तेज़ थी कि कपास, अरहर और अन्य सब्जियों की फसलें ज़मीन पर बिछ गईं (लेट गईं)।
इस वर्ष अत्यधिक वर्षा ने किसानों को बुरी तरह थका दिया है और उनके मुँह तक आया निवाला छीन लिया है।
'गीला सूखा' घोषित करने की माँग
संकट में घिरे किसानों ने अब सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। किसानों ने मांग की है कि इस गंभीर क्षति के मद्देनज़र, तुरंत पंचनामा (सर्वेक्षण) करके नुकसान की भरपाई की जाए और पूरे क्षेत्र को 'गीला सूखा' (ओला दुष्काळ) घोषित किया जाए। किसानों ने बेहद भावुक होते हुए अपनी वेदना व्यक्त की है। उनका कहना है कि यदि माई-बाप सरकार ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया, तो किसानों पर भुखमरी की नौबत आ जाएगी और उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसलिए, सरकार को तुरंत संवेदनशील होकर कार्यवाही करनी चाहिए।

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