logo_banner
Breaking
  • ⁕ एंटी नक्सल अभियान और खुखार नक्सली हिड़मा के एनकाउंटर से बैकफुट पर माओवादी, महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी ⁕
  • ⁕ Yavatmal: नागपुर से दोपहिया वाहन चोर गिरफ्तार, एक लाख रुपये से अधिक कीमत की तीन चोरी की गाड़ियां जब्त ⁕
  • ⁕ Akola: नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार ने पकड़ा जोर; बड़े नेताओं की रैलियों की तैयारी ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: फुलनार में महज 24 घंटे में बनकर तैयार हुई पुलिस चौकी, सी-60 जवानों के साथ पुलिस अधिकारियों ने बंटाया हाथ ⁕
  • ⁕ दिग्गज अभिनेता, बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र का निधन, सोमवार सुबह ली अंतिम सांस ⁕
  • ⁕ Buldhana: वंचित के महापौर पद के उम्मीदवार का अपहरण, अजित पवार गुट पर लगाया गया आरोप, जिले में मची हलचल ⁕
  • ⁕ Nagpur: डेकोरेशन गोदाम में लगी भीषण आग, मानकापुर के बगदादी नगर की घटना; लाखों का सामान जलकर खाक ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेडा के बीना संगम घाट पर चाकूबाजी; एक की मौत, एक घायल ⁕
  • ⁕ NMC Election 2025: निष्क्रिय नेताओं और नगरसेवको को नहीं मिलेगा टिकट, भाजपा नए चेहरों को देगी मौका ⁕
  • ⁕ विविध मांगो को लेकर आपली बस कर्मचारियों की हड़ताल, स्कूली बच्चों और नागरिकों की बढ़ी मुश्किलें ⁕
Nagpur

अब मनमाने ढंग से नहीं तोड़े जा सकेंगे अवैध निर्माण, गिराने से पहले देना होगा 15 दिन का नोटिस


नागपुर: नागपुर महानगर पालिका आयुक्त अभिजीत चौधरी द्वारा जारी नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत, नागपुर शहर की सीमा के अंदर बिना अनुमति वाले निर्माण को अब मनमाने ढंग से नहीं तोड़ा जा सकेगा। अधिकारियों को अब किसी भी इमारत को तोड़ने से पहले मालिक या किराएदार को 15 दिन का कारण बताओ या कानून में तय अवधि का नोटिस देना होगा। 

अधिकारियों को यह नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजना होगा और उस पर हस्ताक्षर प्राप्त करना होगा, साथ ही इसे इमारत पर प्रमुख स्थान पर चिपकाना होगा। 22 सितंबर को चौधरी द्वारा जारी नए SOP में कहा गया है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि बिना उचित प्रक्रिया के कोई भी इमारत न तोड़ी जाए। 

यह कदम सुप्रीम कोर्ट के कई याचिकाओं पर दिए गए निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिसमें देश भर की नगर निकायों को अवैध निर्माण के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया था। राज्य के शहरी विकास विभाग ने इस साल की शुरुआत में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे। हालांकि, एनएमसी अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पहले के सर्कुलर में स्पष्टता की कमी के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कार्रवाई धीमी हो गई थी।