कैदियों और परिजनों से बात करने जेलों में स्थापित होंगे स्मार्ट कार्ड बेस टेलीफोन बूथ, जेल IG अमिताभ गुप्ता ने दी जानकारी
नागपुर: नागपुर समेत राज्य की सभी जेलों में कैदियों और उनके परिजनों से स्मार्ट कार्ड बेस टेलीफोन बूथ सिस्टम को लगाया जायेगा। यह जानकारी राज्य के जेल महानिरीक्षक अमिताभ गुप्ता ने दी। गुप्ता शुक्रवार को नागपुर सेंट्रल जेल के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग का जेलों सुधारों पर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। गुप्ता ने बताया की राज्य की जेलों में क्षमता के अनुरूप दोहरी संख्या में कैदी बंद है। जिसे देखते हुए जिला स्तर पर जेलों के निर्माण का फैसला लिया गया है।
राज्य की जेलें अक्सर कई वजहों से चर्चा में रहती है। इसमें नागपुर सेंट्रल जेल में होने वाले कारनामे जगजाहिर है। जेलों में होने वाली अव्यवस्थाओं के लिए कई तरह के कारण जिम्मेदार है। इनमें प्रमुख है जेल प्रशासन के पास कर्मचारियों की कमी और जेल में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या। नागपुर सेंट्रल जेल में कैदियों को रखने की क्षमता 1840 की है लेकिन मौजूदा समय में यहाँ 3000 के करीब कैदी बंद है। शुक्रवार को नागपुर सेंट्रल जेल का मुआयना करने पहुंचे राज्य के जेल महानिरीक्षक अमिताभ गुप्ता ने भी कैदियों की संख्या को लेकर चिंता व्यक्त की और बताया की इस समस्या को सुलझाने के लिए नई जेलों के निर्माण शुरू होने की जानकारी दी।
राज्य के जेल महानिरीक्षक ने नागपुर सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के बंद होने के बावजूद यहां शुरू कामकाज को लेकर समाधान व्यक्त किया। उनके मुताबिक यह बेहतर काम हो रहा है। उन्होंने बताया की उनके विभाग ने राज्य सरकार से जेलों में बंद कैदियों के परिजनों से बातचीत के लिए स्मार्ट कार्ड बेस टेलीफोन बूथ सिस्टम लगाए जाने की अनुमति मांगी है। यह व्यवस्था फ़िलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पुणे की येरवडा जेल में शुरू है।
स्मार्ट कार्ड बेस टेलीफोन बूथ सिस्टम के माध्यम से जेल में बंद कैदियों को अपने परिजनों को एक निश्चित समय पर निश्चित अवधि में फोन के माध्यम से बातचीत करने की सुविधा होगी। फोन पर होने वाली बातचीत विभाग के पास रिकॉर्ड रहेगी। जेल डीजी ने यह भी बताया की इप्रिजनर वेबसाईट के माध्यम से वीडियो कॉलिंग की व्यवस्था भी कैदियों को उपलब्ध कराई गयी है।। जेल सुधार को लेकर कई तरह के अन्य तरह के कदम भी उठाये जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की जेल के भीतर पहुंचने वाले मादक पदार्थो की पड़ताल करने के लिए खास तरह से डिटेक्टर आने वाले समय में इस्तेमाल में लाये जायेंगे।
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