एशिया के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का कॉर्पोरेट लुक, मेडिकल में अब मरीजों के रिश्तेदारों के लिए भी होगा आश्रय
नागपुर: मध्य भारत का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, नागपुर स्थित मेडिकल, अब कॉर्पोरेट लुक ले रहा है और अब यहाँ मरीज़ों के परिजनों के लिए आश्रय केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में इस अस्पताल की न सिर्फ़ सूरत बदलेगी, बल्कि मरीज़ों के लिए अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ इस अस्पताल की विशेषता बन गई हैं।
नागपुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल न सिर्फ़ नागपुर या विदर्भ, बल्कि मध्य भारत के आम मरीज़ों के लिए सबसे बड़ा सहारा है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से भी मरीज़ यहाँ इलाज के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस अस्पताल में ग़रीबों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए भारी धनराशि उपलब्ध कराई, और अब मेडिकल तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। रोबोटिक सर्जरी, अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, बहुमंजिला पार्किंग और मरीज़ों के परिजनों की देखभाल मेडिकल की विशेषता बन गई है।
मेडिकल में रोज़ाना हज़ारों मरीज़ आते हैं, लेकिन भर्ती मरीज़ों के परिजनों के लिए कोई सुविधा नहीं थी। इसलिए, ये रिश्तेदार इसी इलाके में दिन-रात बिताते थे। मुख्यमंत्री ने इसके बारे में विचार कर किया और अब इस इलाके में 11 आश्रय केंद्र बनकर तैयार होने वाले हैं। इन केंद्रों में पंखे, गर्म पानी, शौचालय, कुर्सियाँ जैसी ज़रूरी सुविधाएँ होंगी। प्रत्येक केंद्र की क्षमता 200 लोगों की है, इसलिए एक समय में कम से कम 2200 लोग यहाँ रह सकेंगे।
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