जिस तरह वेद सभी धर्मो का मूल, उसी तरह आयुर्वेद सभी पैथियों का मूल: मोहन भागवत

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आयुर्वेद को दुनिया भर में मौजूद सभी चिकित्सक पैथियों को मूल बताया है। शनिवार को आयुर्वेद व्यासपीठ इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा, “सस्ती, सुलभ चिकित्सा सब को उपलब्ध हो। चिकित्सा लेने की बारी कम से कम आए इतने सब लोग स्वस्थ रहे, ऐसा करना है तो आयुर्वेद के सिवाय दुसरा पर्याय नही।”
संघ प्रमुख ने कहा, “आयुर्वेद के साथ-साथ और भी चिकित्साएं है, एलाॅपॅथी। वो गलत तो है नही, बीच के कालावधी मे ये जो पॅथियों के अहंकार, अपनी अपनी विशेषताओं के अहंकार का जमाना था। उसमे पॅथियो का भी अहंकार था।”
उन्होंने कहा, "आधुनिक विज्ञान कोशिकाओं के स्तर पर विचार कर रहा है, तो एक बात ध्यान में आती है, जैसा वेदों के बारे मे कहते है "वेद अखिलम् धर्म मुलम्" वैसे शायद ऐसा हो सकता है। "आयुर्वेद अखिलम् पॅथी मुलम्" ऐसा कहां जाये, आयुर्वेद को विश्व अधिष्ठान प्राप्त हो इस दीशा मे हमे विचार करना चाहिए।"

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