महाठग अजीत पारसे ने प्रतिष्ठित ड्राइविंग स्कूल के संचालक को भी लगाया 18 लाख का चूना

नागपुर: फर्जी सोशल मीडिया एक्सपर्ट अजीत पारसे से जुड़ा एक और मामला सामने आया है.इस मामले में शहर के अंबाझरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है.पारसे शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों को अपना शिकार बनाया है ताज़ा मामले में वर्षों से प्रतिष्ठित वझलवार परिवार जो की ड्राइविंग स्कूल का संचालन करता है.उसके संचालक मनीष वझलवार ने 18 लाख रूपए की पारसे द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.आरोपी ने मनीष को सामाजिक जिम्मेदारी कोष ( सीएसआर ) फंड से पैसे दिलाने का लालच देकर मनीष वझलवार से 35 लाख रुपये नकद लिए.ली गई रक़म में से 17 लाख रुपये उसके वापस कर दिए गए लेकिन बचे 18 लाख रुपये का उसने गबन कर लिया गया। इस संबंध में ड्राइविंग स्कूल के निदेशक मनीष वझलवार ने अंबाझरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
शिकायत के मुताबिक पारसे की मुलाकात वझलवारसे जनवरी 2018 में हुई थी. आरोपी ने मनीष को बताया था की उसके पास ड्राइविंग स्कूल से जुड़े प्रोजेक्ट हैं, जिसके लिए उसे सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से पैसे मिलते हैं.अजीत ने मनीष से कहा कि उन्हें 1 करोड़ रुपये के 'सीएसआर' फंड के लिए 10 लाख रुपये का कमीशन देना होगा। खुद पर भरोषा करवाने के लिए उसने कुछ फाइलें वझलवार को दिखाईं। पारसे ने वझलवार को पावर ऑफ अटॉर्नी लिख कर देते हुए दावा किया कि विभिन्न सरकारी अनुमति प्राप्त करने के लिए एक सामाजिक संस्था बनानी होगी। जिसके माध्यम से हासिल होने वाले साढ़े आठ करोड़ के 'सीएसआर' फंड के लिए उसे करीब 85 लाख रुपये कमीशन देना होगा। आरोपी ने वझलवार को अन्य संस्थानों से प्राप्त अनुमति पत्र दिखाए, तो उन्होंने उस पर विश्वास किया और भुगतान करने के लिए सहमत हुए। 14 मई 2018 को पारसे, वजलवार से मिलने पहुंचा और 5 लाख रुपये नकद लिए। कुछ समय बाद उसने वझलवार को संदेश भेजा कि 'सीएसआर' फंड को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद वह समय-समय पर उनसे पैसे लेता गया। जब वजलवार ने पूछताछ की तो आरोपी ने 'सीएसआर' फंड का डिमांड ड्राफ्ट प्राप्त करने की तस्वीरें उन्हें भेजीं और ड्राफ्ट भी दिखाया। हालाँकि, उसने ड्राफ्ट को सामाजिक संगठन के खाते में जमा नहीं किया। ड्राफ्ट जमा नहीं होने के कारण, जब वझलवार ने पारसे से पूछताछ की तो उसका झूठ पकड़ा गया.अजीत ने मनीष को दो महीने में पैसे लौटाने का वादा किया। मार्च से दिसंबर 2019 के बीच वझलवार को 17 लाख रुपये लौटाए भी । लेकिन बची 18 लाख की राशि लौटाने से उसने मना कर दिया।
होटल संचालक को भी ठगा!
जो जानकारी निकल कर सामने आयी है उसके मुताबिक अजीत पारसे ने शहर के एक होटल संचालक को भी ठगी का शिकार बनाया है.शिकार हुए होटल संचालक को अजीत ने दिल्ली में होटल खोलने के नाम पर अपने जाल में फंसाया था और सीएसआर के माध्यम से ही पैसा दिलाने का झांसा भी दिया था.

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