नागपुर शहर में ठप पड़े अधिकांश सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा व्यवस्था पर खतरे की घंटी

नागपुर: शहर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। करोड़ों रुपये खर्च कर लगाए गए सीओसी के सीसीटीवी कैमरे ज्यादातर बंद पड़े हैं। इसी का नतीजा बुधवार रात कड़वी चौक पर उस समय सामने आया, जब बदमाशों ने एक व्यापारी को गोली मारकर 50 लाख रुपये लूट लिए। वारदात के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पता चला कि घटनास्थल के आसपास करीब 80 प्रतिशत कैमरे काम ही नहीं कर रहे थे।
बुधवार देर रात कड़वी चौक पर व्यापारी राजू दीपनी पर बदमाशों ने फायरिंग की और उनके पास मौजूद 50 लाख रुपये लूट लिए। गोली लगने से घायल राजू को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। लेकिन इस सनसनीखेज वारदात ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। पुलिस जांच में सामने आया कि कामठी रोड पर लगे करीब 80 प्रतिशत सीसीटीवी कैमरे बंद थे। अपराधियों ने इसी का फायदा उठाकर वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस खबरियों और गुप्त सूचना पर ही निर्भर
शहर की सुरक्षा के लिए 3600 कैमरे लगाए गए थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर काम नहीं कर रहे। इससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। पुलिस को अब अपने खबरियों और गुप्त सूचना पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। शहर में विकास कार्यों के चलते बड़ी संख्या में कैमरे ठप हो गए हैं। हालांकि खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पालक मंत्री ने नाराज़गी जताते हुए पुरानी कंपनी एलएंडटी को हटाकर नई कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते जा रहे हैं।
आखिर कौन देगा सुरक्षा की गारंटी?
फिलहाल प्रशासन का कहना है कि कैमरों की अस्थायी मरम्मत जारी है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक तय नहीं हो पाया है। सवाल ये है कि जब करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर की तीसरी आंख बंद पड़ी हो, तो नागपुर के नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी आखिर कौन देगा?

KARAN SINGH PRATAP SINGH THAKUR
Reporter