उपराजधानी में सीएनडी वेस्ट पॉलिसी पर मनपा ने मुंदी आँख, नहीं किये कोई ठोस उपाय

नागपुर: निर्माण कार्य से होने वाले प्रदुषण को रोकने के लिए सीएनडी वेस्ट की पॉलिसी देश में लागू है। शहरों में निर्माण कार्यो की वजह से होने वाला प्रदुषण समय की मांग है। लेकिन नागपुर में यह काम अब तक प्रभावी ढंग से शुरू नहीं हो सका है। नागपुर महानगर पालिका ने इसके लिए नियम तय कर दिए है। लेकिन काम ही शुरू हुआ है।
प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। कई तरह से होने वाले प्रदूषणों की अक्सर चर्चा होती है और उस पर चिंता भी होती है लेकिन कई ऐसे प्रदुषण है जिन पर अभी जीतनी चिंता या बहस होनी चाहिए वो नहीं होती है। एक ऐसा ही प्रदुषण है जो सीएनडी वेस्ट के जरिये होता है। सीएनडी यानि कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिश वेस्ट। नागपुर जैसे शहर जो तेजी से विकसित हो रहे है। यहाँ नए-नए निर्माणकार्य हो रहे है। इसी के साथ कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिश का काम भी तेजी से हो रहा है। और इसकी वजह से ज़मीन और हवा में होने वाला प्रदुषण भी बढ़ रहा है।
सीएनडी वेस्ट से होने वाले प्रदुषण को कम करने के इरादे ने वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने एक पॉलिसी बनाई जिसके तहत सीएनडी वेस्ट के निपटारे के लिए नियम बनाये गए। इस नियम के तहत स्थानीय निकाय संस्था को यह जिम्मेदारी दी गयी है की वो अपने परिक्षेत्र में निकलने वाले सीएनडी वेस्ट का निपटारा करें जरुरी काम करे। 2016 से लेकर अब तक 7 साल हो गए है।
सीएनडी वेस्ट को लेकर कोई प्रभावी काम नागपुर में अब तक दिखाई नहीं दिया है। यह जरूर है की महानगर पालिका के पिछले आयुक्त ने इसे लेकर एक पॉलिसी बनाई है मगर उसका जितना असर दिखना चाहिए वो दिखाई नहीं दे रहा है। खुद महानगर पालिका भी इस बात को मान रही है की इस दिशा में जिस स्तर पर काम होना चाहिए वो नहीं हो रहा है। इसके पीछे नियम के नए होने की दलील दी जा रही है।
महानगर पालिका ने सीएनडी वेस्ट के ट्रांसपोटेशन के लिए एक कंपनी को न केवल नियुक्त किया है बल्कि उसे जगह भी उपलब्ध कराई गयी है लेकिन इस कंपनी ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। महानगर पालिका में इस समय प्रशासन का राज है इसलिए काम में हो रही देरी के लिए पूर्व नगरसेवक अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त कर रहे है।
इमारतों के निकलने वाला मलबा सिर्फ कूड़ा नहीं होता है बल्कि वो मुनाफे का सौदा भी होता है। मौजूदा समय में भी इमारतों के मलबे पर प्रक्रिया होती है।। और यह कईयों को रोजगार और कमाई का साधन उपलब्ध करता है। लेकिन समस्याओं का समाधान सस्टेनिबिलिटी और रीयूज की पॉलिसी को अपनाने से होता है। रीसायकल कई तरह की प्रॉब्लम का समाधान साबित हो सकता बशर्ते उसका सही और समय पर इस्तेमाल हो।
कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिश वेस्ट रीसायकल हो रहा है इसमें कोई संदेह नहीं लेकिन वो ढंग से और जीतनी मात्रा में हो रहा है नहीं हो रहा है यह भी सच है। बारिश का मौसम शुरू है ऐसे में जनजामाव की स्थिति बनाने के प्रमुख कारणों में एक बड़ा कारण स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम का जाम हो जाना होता है। बरसाती पानी की निकासी में बड़ी बाधा कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिश का वेस्ट ही करता है।

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