Video: अनियंत्रित स्कूल बस के नीचे आया 12 वर्षीय छात्र, हुई मौत

नागपुर: कोरडी पुलिस थाना क्षेत्र के मसाला क्षेत्र में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक घटना घटी। जहां घर जाने के लिए स्कूल वैन का इंतजार कर रहे बच्चे एक अनियंत्रित स्कूल बस के नीचे आ गए। इस घटना में तीन बच्चे घायल हो हो गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। मृतक बच्चे का नाम समेश दिनेश कदमते (12) है। वह पणजी पिंस एकेडमी स्कूल में आठवीं का छात्र था। वहीं बाकी दोनों बच्चों को हल्की चोंट आई है, जिन्हे इलाज के बाद घर भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हमेशा की तरह दोपहर दो बजे के बाद स्कूल की छुट्टी के बाद छात्र सड़क किनारे बस के लिए खड़े थे। इस दौरान एक पिली रंग की स्कूल बस सामने से आई। सामने बच्चों को देख चालक ने ब्रेक लगाया लेकिन, ब्रेक नहीं लगा और सामने खड़े कई स्कूल वैनों को टक्कर मारते हुए इलेक्ट्रिक पोल से जा टकराई। इसी दौरान बस के पिछले टायर में तीन बच्चे आ गए। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगो ने दो बच्चे को किसी तरह बचा लिया, लेकिन समेश टायर के निचे आ गया। जिसके कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद समेश को तुरंत शहर के अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हादसा होते ही वहां अफरातफरी मच गई। वहां मौजूद अन्य छात्र और लोग खुद को बचाने इधर उधर भागने लगे। वहीं बस की टक्कर से इलेक्ट्रिक पोल जमीन पर गिर पड़ा, जिसकी चपेट में कई छात्र आते-आते बच गए। यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दिन में यह दूसरा हादसा
छात्रों को ले जाते बस या वैन के साथ एक दिन में यह दूसरा हादसा है। इसके पहले सुबह नौ बजे वर्धा रोड डबल डेकर फ्लाईओवर पर भी घटना घटी। जहां छात्रों को ले जाती एक स्कूल वैन (टाटा मैजिक) के पिछला टायर निकल गया। गनीमत यह रही कि, समय रहते चालक ने ब्रेक लगा दिया। वहीं सुबह होने के कारण फ्लाईओवर पर ट्रैफिक कम था, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
बिना मेंटेनेंस के चल रही बस और वैन
नागपुर शहर में सैकड़ो की संख्या में स्कूल बस और वैन हैं। वहीं छात्रों को लाने ले जाने के लिए स्कूल और वैन चालक पालकों से बड़ी रकम लेते हैं, लेकिन अपने वाहन के रखकरखव में कोई खर्चा नहीं करते। छात्रों को ले जाने वाले वाहनों के लिए आरटीओ ने कई नियम बनाएं हुए हैं, लेकिन उसका पालन न तो निजी वैन चालक करते हैं और न ही बस चलाने वाले स्कूल प्रबंधन। जिससे छात्रों के जीवन पर संकट बना हुआ रहता है।

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