गोल्ड स्मलिंग का केंद्र बना नागपुर! पुलिस ने गिरोह का किया भांडा फोड़

नागपुर: नागपूर गोल्ड स्मगलिंग का केंद्र बनता जा रहा है। बुधवार को पुलिस ने बड़े अंतराष्ट्रीय गोल्ड स्मलिंग गिरोह का भांडा फोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यूएई में काम करने वाले भारतीय मजदूरों के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा था। इस गिरोह को राजस्थान के नागौर जिले में बैठकर आयोजित किया जा रहा था। पिछले एक डेढ़ महीने से नागपुर के रास्ते यह काम किया जा रहा था। इस बात की जानकारी आयोजित प्रेस वार्ता में नागपुर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार दी।
गरीब मजदूरों का किया जा रहा इस्तेमाल
आयुक्त ने बताया कि, दुबई में बैठे तस्कर वहां काम करने वाले गरीब मजदूरों को आपत्तिजनक वस्तुएं, सोना या इलेक्ट्रॉनिक चीजें बैग में भरकर देतें हैं। वहीं नागपुर एयरपोर्ट में पहले से ही उनके लोग मौजूद रहते हैं। किसे बैग देना है और किस्से लेना है इसके लिए दोनों के पास एक दूसरे की तस्वीर मौजूद रहती है। जैसे ही प्लेन से बैग लेकर मजदुर एयरपोर्ट से बाहर आता है पहले से पार्किंग में मौजूद लोग उससे वह बैग ले लेते हैं।"
उन्होंने आगे बताया कि, "जांच में यह सामने आया है कि, दुबई में बैठे तस्कर ने मजदूर को पहले नागपुर जाने का टिकट दिया। उसके बाद यहां से उनके मूल स्थान पर जाने के लिए ट्रेन का रिजर्वेशन भी करा कर दिया था।"
सभी आरोपी राजस्थान के निवासी
आयुक्त ने बताया कि, इस मामले में अभी तक जितने बी आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं सभी राजस्थान के नागौर जिले के हैं। वहीं जिस मामले में इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है उसमें भी मजदुर ने जिन्हे बैग सौंपा था वह सभी राजस्थान के नागौर जिले के थे।" उन्होंने कहा कि, जब से दुबई और शरजहाँ के से फ्लाइट आना शुरू हुईं है तब से नागपुर एयरपोर्ट क्षेत्र में राजस्थान के रहवासी लोगों की संख्या भी बढ़ गई है।
नागपुर बना नया रूट
आयुक्त ने बताया कि, जिस तरह से नागपुर एयरपोर्ट के रास्ते सोना और इलेक्ट्रिक सामानों की तस्करी की जा रही है। इससे यह साबित हो रहा है कि, तस्करों ने नागपुर को तस्करी का नया रूट बना लिया है। जो बेहद संवेदनशील है। इस इस मामले पर पुलिस बड़ी गंभीरता और गहन से जांच कर रही है।
ऐसे हुआ गिरोह का भंडा फोड़
5 सितंबर को गणेश पेठ पुलिस थाना अंतर्गत आज्ञाराम देवी चौक के पास एक चोरी की घटना हुई थी। इस घटना में दुबई से नागपुर आए नागौर राजस्थान निवासी मोहम्मद अली नामक व्यक्ति के पास से अज्ञात आरोपियों ने चार एप्पल मोबाइल फोन और एप्पल कंपनी की 4 घड़ियों सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को चुरा लिए थे। इस वारदात को पूरी प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया था। आरोपियों को पता था दुबई के रास्ते से सोना और इलेक्ट्रिक सामानों की तस्करी की जाती है। नागपुर पुलिस ने अकरम मलिक, राहुल यादव और इरशाद खान नामक आरोपियों को जब गिरफ्तार कर पूछताछ की तब इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।

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