Nagpur Fake Currency Case: NIA ने चार आरोपीयों को सुनाई 12 साल की सज़ा, लाखों का जुर्माना भी लगाया

नागपुर: एनआईए ( नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ) की विशेष अदालत ने बनावटी नोट के प्रकरण में चार आरोपियों को 12 वर्ष की सजा सुनाई है.इसके साथ ही मामले में चार आरोपियों को 14 लाख जबकि एक अन्य आरोपी को 20 लाख रूपए का दंड सुनाया गया है. नागपुर स्थित एनआईए कोर्ट ने आरोप को कृत्य को आतंकी मानते हुए यूएपीए क़ानून के तहत अपना फैसला सुनाया।
क्या है मामला
4 अक्टूबर 2015 को नागपुर रेल्वे स्टेशन पर नकली नोट के साथ एक आरोपी को गिरफ़्तार किया था.यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर स्टेशन परिसर में जाल बिछाकर नागपुर पुलिस की एटीएस टीम द्वारा की गयी थी. मीर अन्वरुल नामक गिरफ़्तार हुए आरोपी के पास से 9 लाख 11 हज़ार रूपए की नक़ली नोट बरामद हुई थी.शुरू जाँच के बीच पुलिस को दो और आरोपियों के नक़ली नोटों के साथ नागपुर आने की जानकारी हाथ लगी जिसके बाद 18 अक्टूबर 2015 को अब्दुल गफ्फार और अब्दुल सत्तार को नागपुर रेल्वे स्टेशन से गिरफ़्तार किया गया था.इनके पास से पांच लाख रूपए के जाली ( नक़ली ) नोट बरामद हुए थे.जप्त किये गए नोटों को जाँच के लिए नाशिक स्थित आरबीआई के नोट बनाने वाले कारख़ाने में जांच के लिए भेजा गया था.
कारख़ाने ने नोटों के जाली होने की हामी दी.इस मामले में लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद सोमवार को अदालत ने सजा का ऐलान किया। इस मामले में चौथे आरोपी ओबेदुल्ला को मालदा ( पश्चिम बंगाल ) से गिरफ़्तार किया गया था.अब्दुल गफ्फार और अब्दुल सत्तार जो मूल रूप से चंद्रपुर जिले की जीवति तहसील के भाई पठार गांव के निवासी है.वो बल्लारपुर के एटीएम से ओबेदुल्ला के अकाउंट में असली पैसे जमा कराते थे बदले में वो इन दोनों को नक़ली नोट उपलब्ध करवाता था.मीर अन्वरुल और ओबेदुल्ला दोनों मालदा के निवासी थे.
सजा के साथ लाखों का जुर्माना भी
एनआईए कोर्ट ने आरोपियों पर लाखों रूपए का दंड भी जमा कराने की सज़ा का ऐलान किया है.मीर अन्वरुल,अब्दुल गफ्फार और अब्दुल सत्तार को 14 लाख रूपए जबकि ओबेदुल्ला को 20 लाख रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गयी है.

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