Nagpur: अंग दान को लेकर नागरिकों में बढ़ी जागरूकता, सात महीने में 14 ने किये अंग दान
नागपुर: उपराजधानी में अवयव दान के मामले बढे है। ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर के जिंदा अंग कई अन्य मरीजों को जिंदगी दे सकते है। इस वर्ष नागपुर में अवयव दान के 14 मामले सफलतापूर्वक पूरे किये गए है। अंगदान की संख्या बढ़ी है लेकिन जरुरी है की इस काम में और अधिक तेजी आये।
ज़िन्दगी के बाद भी मृत व्यक्ति अपने अंगों के माध्यम से अन्य लोगों को जिंदगी दे सकता है। इसके लिए जरूरी है कि समय पर अंगों का दान किया जाये। दान के रूप में कई चीजें दी जाती है लेकिन अंगों का दान सीधे तौर से किसी को जिंदगी देने का ही दान है। देश में अब ब्रेन डेड शरीर से अंगों का दान किये जाने का सिलसिला बढ़ रहा है जिसका फायदा कई लोगों को हो रहा है। नागपुर में भी बीते कुछ सालों की तुलना में अंगदान के मामले बढे है जो सामाजिक दृष्टि से अच्छी बात है।
नागपुर में होने वाले अंगदान को देश के कई शहरों में पहुंचाने का काम हुआ है। बीते दिनों ही एक मृत महिला का दिल पुणे के एक युवक को वायुसेना के विशेष विमान से एयरलिफ्ट कर पहुंचाया गया। अंगदान के सिलसिले बढे इसे लेकर सरकार का प्रयास भी बीते कुछ वर्षों में प्रभावी हुआ है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय की चर्चा अपने मन की बात कार्यक्रम में की थी। और लोगों से इस काम में आगे आने की अपील की थी। यह तो दिखाई दे रहा है की अंगदान के मामले बढ़ रहे है लेकिन इसमें और तेजी लाये जाने की जरुरत है। इसके लिए न केवल लोगो को जागरूक होना पड़ेगा बल्कि अस्पतालों को भी आगे आना होगा।
अंगदान का काम जोनल ट्रांसप्लांट कोर्डिनेशन सेंटर के माध्यम से हो रहा है। अब तक 114 अंगदान की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। सामान्य और गरीब मरीजों के लिए अच्छी बात यह है की सरकारी अस्पताल भी अब अंग प्रत्यर्पण से जुड़ गए है। लेकिन इस कार्य में और भी तेजी लाये जाने की संभावना है।अंगदान के मामले जैसे-जैसे बढ़ेंगे संभव है वैसे वैसे अंग प्रत्यर्पण के खर्च में भी कमी आये।
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