नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण ने पकड़ी रफ्तार, दिसंबर 2027 तक दिखाई देगा विस्तारित स्वरूप

- दिव्येश द्विवेदी
नागपुर: नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है. दिसंबर 2027 तक मेट्रो का विस्तारित स्वरूप हमें दिखाई देगा. इस सबके बीच महा मेट्रो ने 10 साल बाद मेट्रो की जरूरत और उसके विस्तार को लेकर काम शुरू कर दिया है. पढ़िए नागपुर मेट्रो के विस्तार पर यूसीएन की ये खास रिपोर्ट.
नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण ने रफ़्तार पकड़ ली है. दूसरे चरण के अंतर्गत मेट्रो के रूट को बढ़ाया जा रहा है. महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रवण हार्डिकर ने बताया कि मेट्रो का दूसरा चरण दिसंबर 2027 में पूरा होगा. हार्डिकर मेट्रो के कामों का लेखा जोखा लेकर मीडिया से मुखातिब हुए और नागपुर मेट्रो के मौजूदा कामकाज के साथ भविष्य पर विस्तार से बातचीत की.
उन्होंने बताया कि मेट्रो का दूसरा चरण बनकर पूरा हो जाने के बाद न केवल राइडरशिप बढ़ेगी बल्कि मुनाफ़ा भी बढ़ेगा. हार्डिकर के मुताबिक महा मेट्रो मौजूदा समय में नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण को पूरा करने के बारे में नहीं सोच नहीं रही है बल्कि आने वाले 10 वर्ष के बाद की सोच को ध्यान में रखकर एक कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार कर रही है, जो इसी वर्ष नवंबर के महीने में सामने आयेगा.
महा मेट्रो के मौजूदा प्रबंध निदेशक के मुताबिक किसी भी मेट्रो परियोजना को एक सीमित दायरे में रखकर नहीं देखा जा सकता. इसके लिए वो दिल्ली मेट्रो का उदहारण देते हैं, जिसके रूट्स को लगातार बढ़ाया जा रहा है. हार्डिकर का कहना है कि मेट्रो प्रोजेक्ट सतत विस्तार से जुड़ा हुआ है. जैसे-जैसे शहर का विस्तार होगा, जनसँख्या बढ़ेगी ठीक उसी तरह मेट्रो के रूट्स को भी बढ़ाया जाना जरुरी है.
नागपुर मेट्रो के समक्ष अभी सबसे बड़ा सवाल और चिंता यात्रियों की संख्या को बढ़ाना है. नागपुर मेट्रो में फ़िलहाल एक लाख के करीब यात्री रोजाना सफर कर रहे है. लेकिन ब्रेक इवन पॉइंट पर पहुंचने के लिए यात्री संख्या चार लाख के करीब पहुंचना जरुरी है. मेट्रो के प्रबंध निदेशक के मुताबिक यात्री संख्या को बढ़ाने के लिए यात्रियों को लास्ट माईल कनेक्टिविटी मिलना जरुरी है. नागपुर में ये काम किया जा रहा है जिसका फायदा भी होता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके लिए मेट्रो ने खास तौर से विभाग भी तैयार किया है.
नागपुर मेट्रो जितनी ज्यादा फीडर वाहनों की सेवा से जुड़ेगी उतना फायदा न केवल मेट्रो को होगा बल्कि नागरिकों को भी होगा. हार्डिकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को लेकर नागपुर से ज्यादा पुणे की जनता को जागरूक मानते है. क्योंकि पुणे में पहले से ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को लेकर नागरिकों की खास रूचि दिखाई देती है.
नागपुर मेट्रो की आय की बात की जाए तो मेट्रो की तिजोरी में जमा हो रही है. हार्डिकर ने बताया कि मेट्रो के संचालन के लिए जितनी राशि की जरूरत है वो उसके पास है. इसके साथ सरकार के माध्यम से भी मदद मिल रही है. लेकिन मेट्रो की उपयोगिता तभी है जब ये जिनके लिए है वो इसका इस्तेमाल करने को अपनी जिम्मेदारी समझे. मेट्रो का इस्तेमाल नागरिकों के लिए सुगम हो इसके लिए पीक टाइम में हर 10 मिनट में मेट्रो की सेवा उपलब्ध कराई गई है.

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