नागपुर का नसीब ही ख़राब ? टाटा-एयरबस के बाद एविएशन का एक और प्रोजेक्ट छिना

नागपुर- महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधीन आने वाले मिहान कोई बड़ा निवेश आने की कड़ी टूट रही है.मिहान में देश का बाद डिफेन्स एविएशन हब बनाये जाने का सपना भले दिखाया गया हो मगर प्रशासनिक लापरवाहियों के चलते यह सपना सिर्फ सपना ही दिखाई दे रहा है.जो परियोजनाए यहाँ आना चाहती थी वो भी अब अन्य राज्यों में जा रही है.टाटा-एयरबस परियोजना के गुजरात चले जाने का मामला अभी गर्म ही है की एविएशन सेक्टर से ही जुड़ा एक और प्रोजेक्ट मिहान के बजाये हैदराबाद चला गए.सूत्रों के मुताबिक ऐसा सिर्फ प्रशासन के लचर रवैय्ये के चलते हुआ है.
विमान और रॉकेट के इंजन बनाने वाली फ्रेंच की अंतरराष्ट्रीय कंपनी सॅफ्रन मिहान में निवेश की इच्छुक थी.इसके लिए कंपनी ने 1185 करोड़ रूपए के प्राथमिक निवेश की तैयारी भी दर्शायी थी.लेकिन प्रशासन की ओर से कामकाज में हुए देरी के चलते कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट को हैदराबाद शिफ़्ट कर दिया है.पता चला है की कंपनी ने अपने एमआरओ स्थापित किये जाने के लिए देश की कुछ जगहों को चिन्हित किया था जिसमे एक जगह नागपुर का मिहान थी.
टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के बाद सॅफ्रन के हैदराबाद शिफ्ट हो जाने के बाद विपक्ष एक बार फिर सरकार पर आक्रामक हो गया है.राज्य महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने राज्य सरकार पर जानबूझकर राज्य को औद्योगिक मोर्चे पर पीछे धकेले जाने का आरोप लगाया है.लोंढे ने कहा की राज्य में सारी सुविधाएं होने के बावजूद राज्य के प्रोजेक्ट पर राज्यों में जा रहे है.नागपुर देश के केंद्र में है फिर भी सॅफ्रन का प्रोजेक्ट हैदराबाद चला गया.

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