नितिन देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया झूठा, कहा-साबित हुआ तो छोड़ दूंगा विधायकी

नागपुर: उद्धव गुट के विधायक नितिन देशमुख पर सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। इसको लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। वहीं अब इस पर देशमुख ने स्पष्टीकरण दिया है। अपने लगे आरोपी को निराधार बताते हुए कहा कि, "जो वीडियो सामने आया है, उसमें कही भी पुलिस कर्मी को थप्पड़ मारने का दृश्य नहीं है। यह सब मुझे फंसने के लिए किया जा रहा है। अगर यह साबित हो जाता है कि, तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।"
देशमुख ने कहा, "मैंने पुलिस कर्मी को नहीं पीटा। केवल मौखिक चर्चा हुई थी। मूल रूप से हम इन चीजों के होने की उम्मीद करते हैं। क्योंकि पिछले दो महीने में मेरे खिलाफ यह दूसरा मामला है। इससे पहले भावना गवली ने भी अश्लीलता करने का केस दर्ज कराया था। यहां भी सरकारी काम में बाधा डालने का इसी तरह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मूल रूप से उद्धव ठाकरे ने वहां एक सभा का आयोजन किया था। मैं उस मीटिंग के लिए निकला था। शिवसेना के पदाधिकारी मौजूद थे। नितिन देशमुख ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया क्योंकि उन्हें पुलिस ने मना किया था।"
विधायक देशमुख ने कहा, "मूल रूप से मंत्री के बंगले में जाने के लिए पास लेने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि जनता ने उन्हें चुना है। अगर मुंबई में यह नियम नहीं है तो सवाल है कि नागपुर क्यों? हम लोगों को वहां जाने में सक्षम होना चाहिए।"
उद्धव गुट विधायक ने कहा, "हम निश्चित रूप से हमारे खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। अगर हमें पांच-छह महीने के लिए जेल भी जाना पड़े तो हम उसके लिए तैयार हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी कारागार में हुआ था। यहां तक कि महात्मा गांधी भी जेल गए। नितिन देशमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपराधी हैं।"
देशमुख ने कहा, "मुझे लगता है कि संबंधित अधिकारियों पर किसी तरह का मानसिक दबाव डाला गया होगा। लेकिन ऐसे अधिकारियों को दबाव में नहीं रहना चाहिए। सत्ता आती है और सत्ता चली जाती है। ऐसे गलत तरीके से काम करने वाले अधिकारियों को यह बात याद रखनी चाहिए। विधायक नितिन देशमुख ने कहा कि ऐसे अधिकारी हमेशा याद किए जाते हैं।"

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